Delhi High Court ने Google, YouTube और केंद्र से इंटरनेट से महिला की Objectionable तस्वीरें हटाने के लिए कहा

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Delhi High Court
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Delhi High Court ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए Google, YouTube और Delhi Police को कहा है कि वह इंटरनेट से महिला की आपत्तिजनक तस्वीरों, Video वाली साइटों और Link को हटाने के लिए कदम उठाए। High Court का फैसला एक महिला के द्वारा दायर याचिका में आया जिसमें उसने उन साइटों पर प्रदर्शित होने वाली उसकी या किसी महिला की भी नग्न (Nude) तस्वीर स्पष्ट या छेड़छाड़ (Morphed) की गई हो, को Block करने के निर्देश देने की मांग की थी। Delhi High Court अब इस मामले की सुनवाई 16 सितंबर को करेगा।

High Court ने Google, YouTube, केंद्र और दिल्ली पुलिस साइबर सेल से जवाब मांगा

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramonium Prasad) ने साफ किया कि यह एक Adversarial मुकदमा नहीं था। इस मामले को 16 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जस्टिस प्रसाद ने Google, YouTube, केंद्र और दिल्ली पुलिस साइबर सेल को महिला की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को पक्षकार बनाने और संबंधित SHO को उस पर Notice तामील करने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार ने इस पर जरूरी कदम उठाने की बात कही

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के Standing Counsel अनुराग अहलूवालिया (Anurag Ahluwalia) ने अदालत को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार महिला की आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो वाली साइटों और इंटरनेट से लिंक को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और उन्‍होंने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा। Google LLC और YouTube की ओर से पेश हुई अधिवक्ता ममता झा (Mamta Jha) ने कहा कि YouTube से सभी URL हटा दिए गए हैं और 10 चैनल को भी ब्‍लाक किया गया है।

किसी की फोटो को बिना मर्जी के उपयोग करना निजता का उल्लंघन : दिल्ली हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने केंद्र को इस मामले में Affidavit दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि किसी व्यक्ति की सहमति के बिना अश्लील वेबसाइट पर Upload की गई सामाग्री, Facebook और Instagram account से ली गई तस्वीरें ITAct की धारा 67 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि चाहे तस्वीरें अपने आप में आपत्तिजनक न हों, फिर भी पक्षकार की सहमति के बिना ली जाती है तो यह व्यक्ति की निजता का उल्लंघन होगा।

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