Chinese Visa Scam: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्ति चिदंबरम की अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित, कोर्ट 3 जून को सुनाएगा फैसला

Chinese Visa Scam: कांग्रेस नेता पर 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए घोटाला करने का आरोप है। यह कथित घोटाला तब हुआ, जब उनके पिता पी चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।

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Chinese Visa Scam
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Chinese Visa Scam: कार्ति चिदंबरम द्वारा चीनी नागरिकों से वीजा के लिए रिश्वत लेने का मामले की सुनवाई आज रॉउज एवेन्‍यू कोर्ट में होनी है। इससे पूर्व ही ईडी ने कार्ति पी चिदंबरम की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब रॉउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया।ED ने कहा कि अगर का‍र्ति को दी गई अंतरिम जमानत जांच में बाधा डालेगी।ऐसे में एजेंसी ये पता नहीं लगा पाएगी की पैसा कहां गया?

ED ने कहा कि कार्ति की अर्जी प्री मेच्योर हैं।राउज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 3 तीन जून को फैसला सुनाएगा। तब तक कोर्ट ने कार्ति की गिरफ्तारी से संरक्षण का अंतरिम आदेश जारी रखने का आदेश जारी रखा।

ED ने कहा कार्ति की अंतरिम जमानत की याचिका अभी सुनवाई योग्य नहीं है।कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि 30 मई यानी आज खत्म हो रही है। हालही में CBI के बाद ईडी ने इस मामले में कार्ति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।ED ने ये मामला CBI द्वारा दर्ज की गई FIR का संज्ञान लेते हुए मनी लांड्रिंग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

Chinese Visa Scam
Chinese Visa Scam case

Chinese Visa Scam: क्‍या है पूरा मामला?

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कांग्रेस नेता पर 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए घोटाला करने का आरोप है। यह कथित घोटाला तब हुआ, जब उनके पिता पी चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।कांग्रेस नेता पर 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए घोटाला करने का आरोप है। यह कथित घोटाला तब हुआ, जब उनके पिता पी चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।कार्ति और उनके करीबी एस भास्कररमन को वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड जो पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी।

Chinese Visa Scam: एक शीर्ष अधिकारी द्वारा रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाने के आरोपों से जुड़ा है। इस बाबत सीबीआई की प्राथमिकी में इस बात का जिक्र है कि वहां कार्यरत 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा को फिर से जारी किया गया था। इस मामले में एजेंसी पहले ही भास्कररमन को हिरासत में ले चुकी है। सीबीआई के मुताबिक, बिजली परियोजना की स्थापना का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था, जो समय से पीछे चल रहा था।

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