Allahabad HC: कोर्ट ने निरस्‍त किया 8 पुलिसकर्मियों का निलंबन, बाहुबली विजय मिश्र की पेशी के दौरान बयानबाजी का मामला

Allahabad HC: कोर्ट से वापस लौटते समय माफिया विजय मिश्रा के द्वारा अनर्गल बयानबाजी, पुलिस अभिरक्षा में रहते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई तथा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और प्रदेश के अन्य सफेदपोश नेताओं के खिलाफ भी बयानबाजी की गई।

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Allahabad HC: Bahubali Vijaya Mishra
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Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 5 अगस्त को आगरा से मिर्जापुर कचहरी में पेशी के दौरान माफिया विजय मिश्रा द्वारा प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एवं अन्य सफेदपोश अपराधियों के खिलाफ दिए गए अनर्गल बयान को लेकर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सुरक्षा ड्यूटी में लगे 8 पुलिसकर्मियों के निलंबन को निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने आरोपों को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ बगैर विभागीय जांच बैठाए निलंबित करने को आश्चर्यजनक करार दिया है।
एसपी मिर्जापुर ने पुलिस इंस्पेक्टर समेत सभी आठ पुलिसकर्मियों को 5 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील नियमावली) 1991 के नियम 17 (1) के प्रावधानों के अंतर्गत निलंबित कर दिया था।

सभी निलंबित पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन मिर्जापुर में संबद्ध कर दिया गया था।यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने पुलिस इंस्पेक्टर अभय नारायण तिवारी व अन्य पुलिसकर्मियों की याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया।

Allahabad HC: Vijaya Mishra Case Hearing
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Allahabad HC: पुलिसकर्मियों के खिलाफ पर्याप्‍त साक्ष्‍य नहीं

Allahabad HC: UP Police
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इन सभी पुलिसकर्मियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और सहयोगी वकील अतिप्रिया गौतम का तर्क था कि निलंबन आदेश पारित करते समय पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन के लिए पर्याप्त साक्ष्य होने चाहिए। कहा गया था कि अधिकारी के पास कोई ऐसा साक्ष्य अथवा तथ्य नहीं था जिसके आधार पर 8 पुलिसकर्मियों का निलंबन किया जा सके।

वकील का तर्क था कि निलंबन आदेश आनन-फानन में बगैर नियम और कानून का पालन किए पारित किया गया है। कहा गया था कि 5 अगस्त को एसपी मिर्जापुर ने सभी 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया और उसी दिन एएसपी यातायात डॉ अरुण कुमार सिंह को 7 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। इससे स्पष्ट था कि निलंबन आदेश पारित करते समय कोई साक्ष्य नहीं था।

Allahabad HC: जानिए क्‍या था पूरा मामला ?

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Allahabad HC: Vijay Mishra.

मामले के अनुसार सभी 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप था कि माफिया विजय मिश्रा कि 5 अगस्त 2022 को एसीजेएम प्रथम मिर्जापुर के यहां पेशी थी।विजय को आगरा पुलिस द्वारा अपनी सुरक्षा में मिर्जापुर लाया गया था।

मिर्जापुर के कोर्ट में तैनात पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी गई थी।कोर्ट से वापस लौटते समय माफिया विजय मिश्रा के द्वारा अनर्गल बयानबाजी, पुलिस अभिरक्षा में रहते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई तथा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और प्रदेश के अन्य सफेदपोश नेताओं के खिलाफ भी बयानबाजी की गई।

माफिया मिश्रा के इस कार्य से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई थी। इस घटना को लेकर मौके पर तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर, दो दरोगा, दो हेड कांस्टेबल और 3 सिपाहियों को कर्तव्य पालन में लापरवाही, उदासीनता एवं शिथिलता के आरोप में एसपी मिर्जापुर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी।

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