Allahabad HC: अपनी हत्या का नाटक रचने वाले एक अभियुक्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने अपीलार्थी की जमानत अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है। रिहाई के 6 सप्ताह के भीतर जुर्माना जमा करने का निर्देश भी दिया गया है।याची ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील दाखिल की थी। याची की पत्नी ने ग्रेटर नोएडा में 2 मई 2014 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।अज्ञात लोगों पर आशंका व्यक्त कर आरोप लगाया था कि अचल संपत्ति के विवाद को लेकर उसके पति की हत्या कर दी गई है।
Allahabad HC: पुलिस जांच में सच्चाई आई सामने
Allahabad HC: चंद्रमोहन शर्मा की लाश एक जली हुई कार में ग्रेटर नोएडा के स्टेडियम के सामने बरामद की गई थी। कार चंद्रमोहन शर्मा की ही थी, उसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।पुलिस ने कुछ लोगों को इस हत्या से तार जुड़े होने पर गिरफ्तार भी किया था। बाद में पुलिस जांच के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आए। पुलिस को नए सुराग मिले। यूपी पुलिस ने बेंगलुरु जाकर वहां से अभियुक्त चंद्रमोहन शर्मा को गिरफ्तार किया।
जांच में पता चला कि चंद्रमोहन शर्मा और उसकी पत्नी के बीच अक्सर विवाद रहता था।दूसरी ओर चंद्रमोहन शर्मा का एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था।पुलिस ने बताया कि चंद्रमोहन उस युवती को लेकर फरार हो गया। इसके बाद उसने अपने साले के साथ मिलकर खुद की हत्या के नाटक की योजना बनाई।
इस दौरान पकड़े गए लोगों ने अपने बयान में कहा कि परी चौक से एक अर्धविक्षिप्त व्यक्ति को अपनी कार में बैठाकर आग लगा दी, जिससे आरोपी की पत्नी और पुलिस ने समझा कि चंद्रमोहन की हत्या कर दी गई है।बहस के दौरान कहा गया की स्वीकारोक्ति बयान ही अपीलार्थी की दोषसिद्धि का आधार है। उसे मजबूत साक्ष्य के रूप में नहीं पढ़ा जा सकता है।घटना की कोई स्वतंत्र गवाही नहीं है।
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