Allahabad HC: गंगा-हिंडन नदी बाढ़ क्षेत्र में अवैध निर्माण गिराने पर रोक, कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का दिया निर्देश

Allahabad HC: कोर्ट ने ध्वस्तीकरण से प्रभावित होने वाले लोगों को नोएडा के समक्ष 10 दिन के भीतर आपत्ति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही आपत्ति के निस्तारण तक मौके पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है।

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Allahabad HC
Ganga-Hindon River

Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा हिंडन बाढ़ क्षेत्र में नोएडा के प्रस्तावित ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है।अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण कार्रवाई की आशंका को लेकर दाखिल याचिका पर कोर्ट ने ये आदेश दिया है।आदेश से उन सैकड़ों लोगों को राहत मिली है, जिनके निर्माण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जद में आ रहे थे।

कोर्ट ने ध्वस्तीकरण से प्रभावित होने वाले लोगों को नोएडा के समक्ष 10 दिन के भीतर आपत्ति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही आपत्ति के निस्तारण तक मौके पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है।

ये आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने हरित किसान कल्याण समिति, अध्यक्ष राजेश अग्रवाल व अन्य की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता नितिन चंद्र मिश्र, आशुतोष तिवारी एवं अन्य को सुनकर दिया है।

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Allahabad HC: नोटिस को दी थी चुनौती

याचिकाओं में नोएडा के आठ जून 2022 के पब्लिक नोटिस को चुनौती दी गई थी। नोटिस में कहा गया है कि नोएडा के क्षेत्राधिकार में आने वाले गंगा हिंडन नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध है।

जो भी निर्माण बिना किसी बिल्डिंग प्लान स्वीकृत कराए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में किया गया है।वे सब अवैध हैं और अथॉरिटी उनका ध्वस्तीकरण करेगी।
Allahabad HC: याचियों का कहना था कि सोसायटी के सदस्यों के अधिकतर निर्माण 2010 या उसके पहले के हैं। उस समय गंगा हिंडन के प्रभाव क्षेत्र का कोई आकलन नहीं किया गया था। अब अथॉरिटी नोटिस जारी करके ध्वस्तीकरण की धमकी दे रही है। यह भी कहा गया कि अथॉरिटी ने सदस्यों को व्यक्तिगत रुप से कोई नोटिस नहीं दिया है।

कोर्ट ने किसी सदस्य को ध्वस्तीकरण का व्यक्तिगत नोटिस दिए जाने के बारे में पूछा तो अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट का ध्यान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रही विभिन्न कार्रवाई की ओर दिलाते हुए कहा कि सरकार कानून के मुताबिक काम कर रही है। अथॉरिटी के लिए व्यक्तिगत रूप से नोटिस देना इसलिए मुश्किल है। क्योंकि यह पता लगाना बहुत कठिन है कि कौन सा निर्माण किसका है।

Allahabad HC: नोटिस के खिलाफ आपत्ति पेश करने के निर्देश

Allahabad High Court
Allahabad HC

Allahabad HC: उन्होंने कहा कि यदि याची पब्लिक नोटिस के खिलाफ नोएडा के समक्ष अपनी आपत्ति प्रस्तुत करें तो अथॉरिटी उनका निस्तारण करेगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि याची 10 दिन के भीतर अपनी आपत्ति नोएडा के समक्ष प्रस्तुत करें और अथॉरिटी नोटिस प्राप्त होने के 20 दिन के भीतर उसका निस्तारण कर दे।

इस दौरान मौके पर यथास्थिति कायम रखी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई प्रभावित व्यक्ति 10 दिन के भीतर आपत्ति प्रस्तुत नहीं करता तो अथॉरिटी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।

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