Allahabad High Court को UPPSC ने दी जानकारी, भर्ती में समान अंक तो आयु में वरिष्ठ को वरीयता देने का है नियम

Allahabad High Court ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से भर्ती को लेकर दाखिल की गई याचिका पर जवाब मांगा। इसके जवाब में आयोग ने कोर्ट को बताया है कि समान अंक होने पर अधिक आयु वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी।

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Allahabad High Court
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Allahabad High Court में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती को लेकर एक अभ्यर्थी द्वारा याचिका दाखिल की गई थी। इसमें याची की तरफ से कहा गया है कि सामान्य श्रेणी में 70 अंक आने के बावजूद उसका चयन नहीं किया गया है। याची ने कोर्ट से गुजारिश की है कि कोर्ट आयोग को उसकी नियुक्ति पर विचार करने के आदेश दे।

70 अंक पर अन्य अभ्यर्थियों को मिली नियुक्ति

Allahabad High Court में दाखिल की गई याचिका में प्रशांत महेश्वरी ने कहा है कि वह सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी हैं और उनको परीक्षा में 70 अंक प्राप्त हुए हैं लेकिन फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं की गई है। वहीं, उन्होंने बताया है कि विजय कुमार सिंह, दिव्या यादव और पारुल कमल को सामान्य श्रेणी के होने के बाद भी 70 अंक मिलने पर नियुक्ति दी गई है।

UPPSC

दरअसल, याची सहायक प्रोफेसर फार्मोकोलॉजी मेडिकल की भर्ती में शामिल हुआ था जिसमें उसे 70 अंक प्राप्त हुए थे। साथ ही दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि विजय कुमार सिंह, दिव्या यादव और पारुल कमल ने अभी तक ज्वॉइनिंग नहीं की है तो उनके खाली पदों पर प्रशांत माहेश्वरी की ज्वॉइनिंग पर विचार किया जाए।

Allahabad High Court को दिया जवाब अधिक आयु के कारण दी गई वरीयता

Allahabad High Court ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जवाब मांगा तो आयोग ने हलफनामा पेश करते हुए बताया कि विजय कुमार सिंह को परीक्षा में 72 अंक मिले हैं। दिव्या व पारुल को 70 अंक मिले हैं लेकिन आयोग ने जानकारी दी कि यदि समान अंक हैं तो आयु में वरिष्ठ अभ्यर्थियों को चयन में वरीयता दी जाएगी।

यानी दिव्या और पारुल दोनों की आयु याची प्रशांत महेश्वरी से अधिक है इसलिए उन्हें नियुक्ति दी गई है। आयोग ने बताया कि 3 मार्च, 2005 की नीति है कि एक समान अंक पाने पर आयु में वरिष्ठ को नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी।

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इस बात पर याची ने सहमति जताते हुए कहा “किंतु इनमें से सभी ने ज्वाइन नहीं किया है।” Allahabad High Court ने कहा है कि यदि ये तीनों ज्वाइन नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर याची अपनी मांग सरकार के समक्ष रखे। इस पर आयोग की तरफ से वकील ने कहा कि संस्तुति सरकार को भेजी गई है। यदि ऐसा होगा तो याची की नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने प्रशांत महेश्वरी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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