उत्तर प्रदेश में जगह-जगह पर बनाए गए अवैध धर्मिक स्थलों को लेकर योगी सरकार सख्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश के बाद योगी सरकार सड़कों के बीचों-बीच बने मंदिर, मजार को हटाने में जुट गई है। इसकी सबसे पहले तस्वीर बाराबंकी से सामने आई है यहां पर आधी रात को तहसील फतेहपुर शहर के बीच बनी पकारिया के पेड़ वाली मजार को रास्ते से हटाया गया। मजार को अब ईदगाह के पास विस्थापित किया जाएगा।

सरकार के सार्वजनिक स्थानों से धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश पर फतेहपुर एसडीएम पंकज सिंह ने शनिवार को आपात बैठक बुलाई। बैठक में पूर्व चेयरमैन मो.मशकूर व व्यापार मंडल के अध्यक्ष रविंद्र कुमार वर्मा ने भागीदारी की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मजार को ईदगाह के पास स्थापित किया जाएगा।

यूपी में सार्वजनिक सड़कों पर एक जनवरी 2011 या इसके बाद हुए धार्मिक निर्माण हटाए जाएंगे। हाई कोर्ट के आदेश पर गृह विभाग की ओर ये निर्देश जारी किए गए थे। गृह विभाग की ओर से कहा गया है कि अतिक्रमण होने पर संबंधित जिला अधिकारी ही दोषी माना जाएगा।

सरकारी अनुमान के अनुसार, यूपी में अवैध धार्मिक स्थलों की संख्या पिछले 10 साल में काफी बढ़ गई है। अब योगी सरकार ने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। जनवरी 2011 के बाद सड़क किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थलों को निजी स्थानों पर शिफ्ट कराया जाएगा। शासन ने दो महीने के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि, सड़क किनारे धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इस मामले पर सभी जिलाधिकारियों से 14 मार्च तक रिपोर्ट तलब की गई है, जिसमें जिले के अधिकारियों को ये बताना होगा कि आदेश के बाद कितने सार्वजनिक स्थलों को धार्मिक अतिक्रमण से खाली करवाया गया।

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