आधार मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ ने मंगलवार (27 मार्च) को सुनवाई के दौरान बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। पीठ ने UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे की पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के दौरान कहा कि सिर्फ आपकी तरफ से डाटा को सुरक्षित करना काफी नहीं है। इसकी क्या गारंटी है कि प्रमाणीकरण के वक्त डाटा लीक नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि जब तक डेटा प्रोटेक्शन को लेकर ठोस कानून नहीं होगा डाटा लीक को रोकना संभव नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई के दौरान UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने 22 मार्च को अधूरी रह गई अपनी पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पूरी की। अजय भूषण पांडेय ने कहा कि पिछले सात साल में डेटा लीक का एक भी मामला नहीं हुआ है. पांडेय ने कहा कि UIDAI डेटा प्रोटेक्शन के संबंध में श्रीकृष्णा पैनल की मदद ले रहा है ताकि कड़ा डेटा प्रोटेक्शन कानून बनाया जा सके। UIDAI के इन तर्कों पर जस्टिस ए के  सीकरी और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने कहा कि सिर्फ आपकी तरफ से डेटा को सुरक्षित करना काफी नहीं है। पीठ ने कहा कि भारत में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत कानून नहीं है, ऐसे में कानून को बनाने की जरूरत है। संविधान पीठ ने कहा कि हम ये मानते है कि UIDAI के पास डाटा सुरक्षित है, लेकिन जब किसी को ‘आधार’ दिया जाता है तो उस समय डाटा प्रोटेक्शन का क्या? इसकी क्या गारंटी है कि प्रमाणीकरण के वक्त डेटा लीक नहीं होगा, जब तक डेटा प्रोटेक्शन को लेकर ठोस कानून नहीं होगा डेटा लीक को रोकना संभव नहीं होगा।

इस पर CEO ने कहा कि डाटा सुरक्षा को लेकर लगातार प्रयास हो रहे हैं। डेटा शेयरिंग नहीं हो सकती क्योंकि ब्यौरा इकट्ठा करने के लिए UIDAI ही सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराता है। जैसे ही डाटा सेव होता है ये एंक्रिप्ट हो जाता है और हमारे पास आता है।अजय भूषण पांडेय ने बताया कि इस वक्त आधार प्रमाणीकरण के लिए 27 निजी कंपनियां काम कर रही हैं। मंगलवार को UIDAI के CEO का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पूरा हो गया मामले की अब सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।

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