Junior Lawyers Association UP ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता के साथ हुई मारपीट की घटना की कड़ी निन्दा की है और प्रशासनिक न्यायाधीश से मामले की जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। दरअसल प्रयागराज के दीवानी अदालत में मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता गौरीशंकर केसरवानी के साथ मारपीट की गई थी। एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता मिथिलेश कुमार तिवारी व संचालन सचिव गया प्रसाद सिंह ने किया। बैठक में मानवेन्द्र सिंह, दिनेश मिश्र, संजय जायसवाल, ज्ञान प्रकाश अस्थाना, मनीष, राजकुमार आदि मौजूद थे।
प्रबुद्ध अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बी पी शुक्ल ने कहा है कि खुली अदालत में अधिवक्ता के साथ मारपीट करना अदालत की अवमानना है और इसके लिए आपराधिक अवमानना कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एन के चटर्जी ने कहा कि अदालत में अधिवक्ता के साथ मारपीट की बढ़ती घटनाएं सुरक्षा के लिए चिंता जनक है।
आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र ने कहा कि पक्षकारों के अधिवक्ताओं में मारपीट चिंताजनक है और उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए।
2 दिसंबर को हुई थी मारपीट
मालूम हो कि 2 दिसंबर 2021 को प्रयागराज की फास्ट ट्रैक अदालत संख्या दो में घनश्याम दास केसरवानी बनाम मोती लाल आदि केस की सुनवाई एक बजे शुरू हुई। वादी अधिवक्ता ओंकार नाथ मिश्र ने गौरीशंकर केसरवानी पर हमला कर दिया और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। झगड़े को देख अदालत उठ कर चली गई। जिसकी शिकायत जज से की गई है। मामले को अनुशासनात्मक समिति को भेजा गया है। शिकायत मुख्य न्यायाधीश, उ प्र बार काउंसिल व ज़िला बार एसोसिएशन प्रयागराज को भी की गई है।
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