देश में किसानों की आर्थिक स्थिती में आजादी के बाद भी कोई खास बदलाव नहीं आया है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लागू किया है। इस योजना के तहत आर्थिक रुप से कमजोर सभी किसानों को सरकार सही मदद मुहैया कराती है। लेकिन इसका अब गलत फायदा उठाया जा रहा है।

हर योजना की तरह यह भी भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गई। सही लोगों को इसका फायदा न मिलकर अन्य लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं।  जिन किसानों की आर्थिक मदद के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी, उनमें से कई अब तक इस योजना से लाभान्वित नहीं हो सके हैं।

पीएम किसान योजना का लाभ उठाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ जरूरी शर्तें जारी की हैं। अगर आप इन शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, तो आपके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

पीएम किसान योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे जरूरी शर्त यह है कि किसान आयकर न जमा करता हो।

पर जांच में पता चला कि लाभावांति किसानों ने आयकर जमा किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने मामले को सही तरह से जांच करने के लिए कहा है। उन्होंने फायदा उठाने वालें किसानों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश भी दिया है।

बता दें कि पीएम किसान योजना में कुछ बदलाव किया गया है। पहले पीएम किसान योजना के तहत संयुक्त परिवारों के किसानों को भी योजना के तहत आर्थिक मदद प्रदान की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

जिसके तहत अब किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नाम पर लिखी हुई खेती की जमीन का ब्यौरा देना होगा. अगर आप एक संयुक्त परिवार के किसान हैं, तो आपको अपने हिस्से की जमीन का दाखिल खारिज जमा करना होगा।

गौरलतब है कि पीएम किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड सभी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।

सभी किसानों के खाते में हार चार माह के अंतराल पर 2,000 रुपये की किस्त ट्रांसफर की जाती है. अभी तक इस योजना की आठ किस्तें जारी की जा चुकी हैं और रजिस्टर्ड किसानों के खाते में 16,000 रुपये भेजे जा चुके हैं।

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