अपराध और लापरवाही के किस्से हमें अक्सर सुनने को मिलते हैं और ऐसे अपराधों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसा ही एक चौंका देने वाला मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से जहां रचना नाम की लड़की के शव का जब पोस्टमॉर्टम किया गया तब पता चला कि उसकी चिता जलने से पहले वह जिंदा थी।

मृतक युवती रचना सिसोदिया बुलंदशहर की रहने वाली थी। रचना ने अलीगढ़ के देवेश उर्फ देव चौधरी नाम के लड़के से भाग कर ग्रेटर नोएडा के आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। शादी के बाद दोनों भट्ठा पारसौल में रहने लगे थे। देवेश ने बताया की  रचना काफी दिनों से बीमार चल रही थी और उसके फेफड़ों में पानी भर गया था। 23 फरवरी को उसे नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 25 फरवरी की रात 11.45 बजे उसकी मौत हो गई। अस्पताल की डॉ.शैला ने उसका डेथ सर्टिर्फिकेट भी जारी कर दिया ।

25 फरवरी देर रात को देवेश पत्नी का शव लेकर गांव पहुंचा । रचना के भाई को गांव के लोगों से जब खबर मिली तो उसने पुलिस को खबर की जिसके चलते पुलिस वहां पहुंचकर जलती चिता से शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया लेकिन तब तक शव करीबन 70 प्रतिशत जल चुका था। शक के आदार पर रचना के मामा ने देवेश समेत 11 लोगों के खिलाफ  रिपोर्ट दर्ज करवा दी।

सोमवार को पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद सबके होश उड़ गए। रिपोर्ट में पता चला की जब रचना की चिता को जलाया गया था तब वह जिंदा थी। रचना की मौत चिता में जलाने के दौरान शॉक से हुई है। डॉ चरन सिंह और डॉ पंकज मिश्र के मुताबिक रचना के फेफड़े और श्वांस नली पर कुछ जले हुए कण चिपके मिले थे जो सांस के साथ ही कण फेफड़े तक जा सकते है। मुर्दा होने पर ऐसे कण फेफड़े तक नहीं पहुंच सकते। डॉक्टरो ने बताया की 26 फरवरी दोपहर को 1 बजे के करीब पोस्टमॉर्टम के समय बॉडी को मरे हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था। डेथ सर्टिफिकेट में मौत का समय 25 फरवरी रात 11:45 का है।

रचना के मामा के रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद से देवेश और 11 अन्य लोग फरार हैं। पुलिस इस मामले में गंभीरता से  कार्रवाई कर रही है।

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