राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर से गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने मौत के खूनी खेल को अंजाम दिया है। देश के कई इलाकों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बीच अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मृतक का नाम अकबर है। दरअसल, अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई। वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं। हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है।

गोरक्षा के नाम पर मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के महज चार दिन बाद आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में केंद्र और राज्यों को लागू करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई नागरिक अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता। ये राज्य सरकारों का फर्ज है कि वो कानून व्यस्था बनाये रखें। कोर्ट ने कहा कि संसद इसके लिए कानून बनाए, साथ ही इसके लिए सजा का प्रावधान हो।

कोर्ट ने कहा कि सरकारें हिंसा की इजाजत नहीं दे सकती हैं। लिहाजा इसको रोकने के लिए विधायिका कानून बनाए। बता दें कि गोरक्षा के नाम पर हो रही भीड़ की हिंसा पर रोक लगाने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।

बता दें आपको राजस्थान के अलवर जिले में ही साल भर पहले कथित तौर पर गौरक्षकों के हाथों पहलू खान की भी हत्या कर दी गई थी। पिछले साल एक अप्रैल को पहलू खान मवेशियों को लेकर जा रहे थे जब संदिग्ध गौरक्षकों ने जमकर उसकी पिटाई की थी। दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वह चल बसा।

वाकई जिस तरह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही है वो चिंता का विषय है। इसको लेकर राज्य और केंद्र सराकर को मिलकर काम करना चाहिए न कि एक दूसरे पर कार्रवाई का दबाव बनाना चाहिए।

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