War Memorial की ज्योति के साथ मिली Amar Jawan Jyoti, देखें VIDEO

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War Memorial's Jyoti merged with Amar Jawan Jyoti
War Memorial's Jyoti merged with Amar Jawan Jyoti

Amar Jawan Jyoti: दिल्ली में शुक्रवार को ‘अमर जवान ज्योति’ को ‘वॉर मेमोरियल’ की ज्योति के साथ मिला दिया गया है। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण की अध्यक्षता में दोपहर 3.30 बजे शुरू हुआ। जिसके बाद गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले शुक्रवार को मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में मिला दिया गया। बता दें कि ‘अमर जवान ज्योति’ 50 साल से इंडिया गेट के लॉन में जल रही थी।

Amar Jawan Jyoti की लौ बुझाने के फैसले पर Rahul Gandhi ने कसा तंज

Rahul Gandhi

‘अमर जवान ज्योति’ को ‘वॉर मेमोरियल’ की ज्योति के साथ मिलाने के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा था। राहुल ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा था कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते। कोई बात नहीं, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।

Amar Jawan Jyoti: दो लपटों की रख-रखाव कठिन

Amar Jawan Jyoti
Amar Jawan Jyoti

इस फैसले को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्वाला में मिलाया जा रहा है। ये बहुत अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह फैसला तब लिया गया जब यह पाया गया कि दो लपटों का रख-रखाव कठिन होता जा रहा है। वहीं यह भी तर्क दिया गया है कि चूंकि देश के शहीदों के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहले ही बनाया जा चुका है। इसलिए इंडिया गेट पर एक अलग लौ जलाने की अब जरूरत नहीं है।

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National War Memorial के दिवारों पर वीर शहीदों के नाम

बता दें कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम भी हैं, जिन्होंने विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई हैं। गौरतलब है कि 1947-48 के पाकिस्तान के साथ युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक के शहीदों के नाम इसमें दर्ज हैं। स्मारक की दीवारों पर आतंकवाद विरोधी अभियानों में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी शामिल हैं।

National War Memorial में 25,942 वीर सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित

गौरतलब है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को 176 करोड़ रुपये की लागत से 40 एकड़ भूमि में निर्मित किया गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में इसका उद्घाटन किया था। वहीं इसके बन जाने के बाद से इंडिया गेट पर होने वाले सभी सैन्य औपचारिक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्थानांतरित कर दिया गया था। बता दें कि युद्ध स्मारक पर, शाश्वत लौ केंद्रीय 15.5 मीटर ओबिलिस्क के नीचे स्थित है। इसमें चार संकेंद्रित वृत्त हैं – “अमर चक्र”, “वीरता चक्र”, “त्याग चक्र” और “रक्षक चक्र”, जहां 25,942 सैनिकों के नाम ग्रेनाइट की गोलियों पर सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।

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