अपने रंगीले और बेबाक जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध माने जाने वाले विजय माल्या की मुसीबत अब बढ़ने वाली है। भारत के बड़े व्यवसायी और शराब कारोबारी विजय माल्या को इंग्लैंड से प्रत्यर्पण कराने के लिए अदालत से जारी समन को गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को सौंप दिया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने इंडिया-यूके म्यूचुअल लीगल एसिसटेंस ट्रीटी यानी (MLAT) के तहत विजय माल्या को इस मामले में पेश होने की अपील की थी। मनी लॉन्डरिंग केस की जांच कर रही मुंबई स्पेशल कोर्ट ने दो हफ्ते पहले ही प्रवर्तन निदेशालय के इस अपील को मंजूरी दे दी थी।

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जानकारी के मुताबिक सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि विदेश मंत्रालय जल्द से जल्द विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए इंग्लैंड सरकार के सामने अपना पक्ष रख सके। विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि विजय माल्या को भारत लाने की प्रकिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने गंभीर आरोपों के तहत इंग्लैंड की सरकार से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की है। विकास स्वरूप के मुताबिक अब विजय माल्या को भारत भेजने के लिए इंग्लैंड सरकार को फैसला लेना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अर्जी मंत्रालय को सीबीआई ने सौंपी है और मंत्रालय ने अर्जी को दिल्ली में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग को भेज दिया है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बंद हो गए किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन विजय माल्या फिलहाल लंदन में आराम की जिंदगी जी रहे हैं। उनपर कई बैंको से करीब 9,000 हजार करोड़ रूपये लेकर विदेश भागने का आरोप है। भारत में उनके लिए कर्ज के चर्चें तेज होने के बाद से वह भारत नहीं आए हैं। वह ट्वीट के जरिए कभी जाँच एजेंसियों पर सवाल उठाते हैं तो कभी किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के लिए सिस्टम को दोषी बताते हैं।

वैसे सरकार के इस कदम से तो लग रहा है कि माल्या ज्यादा दिन तक विदेश में आराम की जिंदगी नहीं जी पाएंगे।

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