भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से इतर जाते हुए रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने की बात कही है। एक अखबार में लेख लिख कर वरुण ने रोहिंग्याओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। वरुण ने लिखा कि ‘हमें म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को शरण देना चाहिए। यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें निश्चित रूप से शरण देना जारी रखना चाहिए।’

उन्होंने अपने लेख में लिखा कि रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने या ना देने का सरकारी फैसला करने से पहले हमें भारत की सांस्कृतिक परंपराओं का ध्यान रखना चाहिए और स्थानीय लोगों को शरणार्थियों के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरणार्थी इलाकों में वहां के स्थानीय निकायों को इस संबंध में कदम उठाना होगा और लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षित भी करना होगा।

गांधी ने भारत सरकार से भी स्पष्ट शरणार्थी नीति बनाने की अपील की ताकि उत्पीड़न से भागने वाले और गरीबी से भागने वाले शरणार्थीयों के बीच अंतर किया जा सके। हालांकि लेख के अंत में उन्होंने देश के सुरक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए लिखा कि हमें रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने से पहले उनके रिकॉर्ड भी चेक करने चाहिए।

हालांकि वरुण गांधी की इस अपील को सरकार ने खारिज कर दिया। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने गांधी के लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो देशहित में सोचेगा, वह इस तरह के बयान नहीं देगा। अहीर ने दो टूक कहा जब म्यांमार की सरकार उन्हें रखने को तैयार नहीं है तो हम क्यों रखेंगे?

वहीं मार्कसवादी पार्टी के महासचिव सीताराम येचूरी ने कहा, वरुण ने बात तो बहुत अच्छी कही है, लेकिन क्या वे अपनी पार्टी को इसे मनवा पाएंगे।

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