आपने लूट की कई घटनाएं सुनी होगी लेकिन आज हम आपको लूट की एक ऐसी घटना से परिचित कराने जा रहे है जिसे जानने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की ये चोर इतना दिमाग लाते कहां से हैं?

मुंबई की बैंक में हुई अनोखी लूट से ही लोग अभी तक उभर नहीं पाए थे कि अब नॉएडा से ऐसी ट्रेन लूट का खुलासा हुआ है जिसमें लूट करने के लिए बहुत ही नायाब तरीका अपनाया जाता थाइस गिरोह का लूट करने का तरीका बहुत ही खतरनाक है जिसमे हजारों लोगों की जान को दांव पर लगाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया जाता था


सूरजपुर व रेलवे पुलिस ने संयुक्त रूप से मिलकर इस गैंग का पर्दाफाश किया है। इनके लूट करने के तरीके से कोई इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता हैं कि इस तरह से भी लूट की जा सकती है।

दो रूपये का सिक्का बना आरोपी-

सिक्के की मदद से लूट करने वाली इस गिरोह में 8 युवक शामिल हैं ये बदमाश ट्रेन की पटरी के बीच दो रुपये का सिक्का डाल देते थे जिससे अर्थिंग के जरिए हरा सिग्नल लाल में बदल जाता था जिसकी वजह से ट्रेन चालक, इसे खतरे की घंटी समझ कर ट्रेन को रोक देता था। ट्रेन रुकते ही बदमाश उसमें सवारी की तरह शामिल हो जाते थे और अन्य सवारियों के साथ लूटपाट करते थे। गिरोह में कुल आठ सदस्य हैं जिसमे से तीन बदमाशों को बीते दिनों रामपुर पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया था और अब दो और बदमाशो को ग्रेटर नोएडा में पकड़ लिया है।

इस पूरी वारदात में 2 रूपये के सिक्के ने अहम भूमिका निभाई है। बदमाश इसी के सहारे ट्रेन को रोक कर लूट की वारदातों को अंजाम दिया करते थे।

अनोखी लूट का लगातार दूसरा मामला-

अभी मुंबई बैंक में 25 फीट लम्बी सुरंग खोदकर की गयी लूट का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब लूट करने का ये एक और नायाब किस्सा देखने को मिला। मुंबई में चोरों का गिरोह 4 महीने तक लगातार मेहनत कर, 25 फीट लम्बी सुरंग खोदकर लाखों के जेवरात और नगदी उड़ा ले गए थे।

फुटेज ने कराई बदमाश की पहचान-

एक के बाद की जा रही लूट की ये घटनाएं, युवा पीढ़ी को गलत राह की ओर अग्रसर कर रही है। सीओ प्रथम अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि ये बदमाश लगातार दिल्ली-हावड़ा रूट और मुरादाबाद रूट पर ट्रेनों में घुसकर लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। दादरी-अलीगढ़ रूट इन बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट था। लेकिन शिकायत के आधार पर पुलिस ने इन रूट पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो ये फुटेज, एक बदमाश की पह्चान कराने में मददगार साबित हुई। सोमवार रात भी बदमाश तिलपता कंटेनर डिपो के पास एकत्रित होकर दादरी-अलीगढ़ रूट पर ट्रेन में यात्रियों से लूट करने की रणनीति तैयार कर रहे थे लेकिन पुलिस की सूझ-बूझ से, बदमाशों की लोकेशन ट्रैक कर तिलपता के समीप से दो बदमाशों को धर-दबोच लिया गया। पकड़े गए बदमाशों की पहचान बुलंदशहर के रहने वाले राजन व दिनेश के रूप में हुई है।

ऐसे होता है सिग्नल हरे से लाल-

पुलिस के मुताबिक,जब भी कोई ट्रेन पटरी से गुजरती है तो वहां कुछ देर के लिए पटरी के जोड़ के बीच थोड़ी सी जगह बन जाती है जिसके बीच में रबड़ आ जाती है। जिससे मौका पाकर बदमाश पटरी के बीच में दो रुपये का सिक्का डाल देते थे। सिक्का रबड़ को बीच में से हटाने का काम करता था।

Train Robbery suspected

सिक्का डालने पर दोनों पटरियों को करंट का अर्थ नहीं मिल पाता था, अर्थ न मिलने की वजह से सिग्नल ग्रीन के बजाय लाल हो जाता था। सिग्नल लाल होते ही ट्रेन चालक को ऐसा लगता था कि आगे खतरा है और चालक ट्रेन को रोक देते थे। जैसे ही ट्रेन रुकती थी, हथियारों से लैस बदमाश स्लीपर व एसी डिब्बे में सवार हो जाते थे और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे।

प्लानिंग से करते थे काम-

पुलिस पूछताछ में ये बात सामने आई कि दो रुपये का सिक्का लगाने के बाद एक बदमाश पटरी से थोड़ा दूर हो जाता था और अन्य बदमाश दो किलोमीटर दूर खड़े रहते थे, जिससे किसी को शक न हो। सिग्नल ग्रीन से लाल होते ही ट्रेन के रूकने पर बदमाश उसमें दाखिल होकर लूटपाट करते थे। गिरोह के एक बदमाश की भूमिका लूट के सामान को बेचने की होती थी। गिरोह के तीन बदमाश लोकेश, मोनू और राजू को बीते दिनों रामपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

तीन से पांच मिनट का लगता था समय-

सिग्नल हरे से लाल होते ही ट्रेन रूक जाती थी। विशेषज्ञों का कहना है- सिग्नल को फिर से हरा होने में तीन से पांच मिनट का समय लगता है । जिस बात का फायदा उठाकर बदमाश पांच मिनट से कम समय में ही लूट कर मौके से फरार हो जाते थे। लूट को इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया जाता था कि पुलिस का भी सर चकरा जाता था।

 दो रूपये का सिक्का कराता था लूट-

बदमाश हमेशा अपने पास दो रुपये का लकी सिक्का रखते थे, जिससे सबसे ज्यादा बार सिग्नल हरे से लाल होता था। बदमाशों के पास से सात लकी सिक्के भी बरामद किए गए हैं।

टला बड़ा हादसा- पुलिस का मानना है कि पटरी के बीच में सिक्का लगाने से कई बार ट्रेन पटरी से भी उतर जाती है। यदि बदमाशों को समय पर नहीं पकड़ा जाता तो उनकी वजह से बड़ा ट्रेन हादसा हो सकता था। बदमाशों के द्वारा अपनाए गए नायाब तरीके ने पुलिस प्रशासन के भी होश उड़ाकर रख दिए थे। 

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