उत्तराखंड: 900 mm के पाइप और बरमा मशीन, सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस प्लान पर काम कर रही रेस्क्यू टीम

0
85

उत्तराखंड में एक सुरंग के अंदर दो दिन से अधिक समय से फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। बचाव दल बीते रविवार से लगातार काम कर रहा है। बचावकर्मी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि सुरंग के रास्ते में आ रहे लगभग 21 मीटर स्लैब को हटा दिया गया है और 19 मीटर का रास्ता अभी भी साफ किया जाना बाकी है। बचाव दल 900 मिमी डायमीटर वाले पाइपों को धकेलने की योजना बना रहे हैं जिससे कि मलबे के ढेर में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाया जा सके।

अधिकारियों ने कहा कि ड्रिल करने और मलबे के बीच से पाइपों को धकेलने और मजदूरों को निकालने के लिए बरमा मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस ऑपरेशन के लिए आवश्यक सभी सामग्री और मशीनरी को साइट पर लाया गया है। सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ भी ऑपरेशन में शामिल हो गए हैं।

घटनास्थल के वीडियो में कंक्रीट का एक ढेर सुरंग के रास्ते में दिखाई दे रहा है। बता दें कि रविवार सुबह ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के ढह जाने से ये मजदूर फंस गए थे। अच्छी बात ये है कि मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें पानी की पाइपलाइनों के जरिए भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

बचाव दल वॉकी-टॉकीज़ की मदद से मजदूरों से बात कर रहे हैं। मालूम हो कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई जा रही 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग सिल्क्यारा और डंडालगांव को जोड़ेगी। यह सुरंग चारधाम परियोजना का हिस्सा है। एक बार पूरा होने पर, इससे 26 किमी की दूरी कम होने की उम्मीद है।

शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि क्षेत्र में भूस्खलन के कारण सुरंग ढह गई थी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सुरंग ढहने के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here