भारत लंबे समय से आतंकवाद को झेल रहा है। भारत कई बार अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कह चुका है कि, पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ाया जा रहा है। देश में आतंकवादियों को पाला पोसा जा रहा है। इस बात को लेकर भारत ने पड़ोसी मुल्क के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष काफी सबूत भी पेश किए हैं। लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि, जब अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान आतंक का गढ़ बन चुका है।

दरअसल बाइडेन प्रशासन ने युद्धग्रस्त देश से 11 सितंबर तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना की घोषणा की है। इसी बीच सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जैक रीड ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा, ”तालिबान के सफल होने में बहुत बड़ा योगदान इस तथ्य का है कि तालिबान को पाकिस्तान में मिल रही सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने में अमेरिका विफल रहा है।”

उन्होंने कहा, ”जैसा कि अफगान स्टडी समूह (कांग्रेस के निर्देश के तहत कार्यरत) ने कहा कि आतंकवाद के लिए ये पनाहगाह जरूरी हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की आईएसआई ने अवसरों का फायदा उठाने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करते हुए तालिबान की मदद की।” 

हाल के एक अध्ययन का हवाला देते हुए रीड ने कहा कि पाकिस्तान में तालिबान की सुरक्षित पनाहगाह होना और इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) जैसे संगठनों के जरिए वहां की सरकार से समर्थन मिलना तालिबान के युद्ध को जारी रखने के लिए आवश्यक है और सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट नहीं कर पाने की अमेरिका की विफलता इस युद्ध में वाशिंगटन की सबसे बड़ी गलती है।

रीड ने कहा, ”अफगान स्टडी समूह के अनुसार पाकिस्तान ने दोनों ओर फायदा उठाने की कोशिश की।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इन सबके साथ खुद भी कमजोर हो रहा है और परमाणु हथियार संपन्न होने के कारण यह खतरनाक है। रीड के मुताबिक, ”इन सबके ऊपर पाकिस्तान का अपने पड़ोसी देश भारत से लंबे समय से संघर्ष चल रहा है और भारत भी परमाणु हथियारों से संपन्न देश है। सीनेटर ने कहा कि पाकिस्तान और भारत लंबे समय से दक्षिण एशिया में संघर्ष में शामिल रहे हैं।

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