देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर बन कर टूटी है। देश का हर राज्य कोरोना से जंग लड़ रहा है। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक कोरोना ही कोरोना चल रहा है। देश में 24 घंटे के भीतर 2.34 लाख नए केस सामने आए हैं। वहीं 1341 लोगों की मौत हो गई है। अस्पतालों की हालत इतनी खराब है कि, बेड नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है और डॉक्टर की कमी पड़ने लगी है। इस भयंकर महामारी के बीच देवभूमि उत्तराखंड में कुंभ चल रहा है।

लाखों की तादाद में श्रध्दालू हरिद्वार स्नान के लिए पुहंच रहे हैं। कोविड का खतरा राज्य में बढ़ते ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुंभ को रोकने की मांग उठ रही है। 15 अप्रैल को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि, कुंभ समय से पहले नहीं खत्म होगा, वहीं 16 अप्रैल को फिर बयान आया कि, कोरोना के बढ़ते काल को देखते हुए कुंभ को संपन्न करने का फैसला लिया गया है।

इसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बयान आया है। उन्होंने संतो से कुंभ को खत्म करने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है- आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया

प्रधानमंत्री ने आगे कहा ”मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।”

वहीं प्रधानमंत्री के बयान पर अपनी टिप्पणी करते हुए महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा है ‘‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! स्वयं एवं अन्यों के जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए #COVID के नियमों का निर्वहन करें।”

बता दें कि, हरिद्वार में चल रहे कुंभ का समापन 27 अप्रैल को होने वाला है। ऐसे में कोरोना का खतरा देश में बढ़ते ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कुंभ को कोरोना का सेंटर बता रहे हैं। कह रहे है कि, कुंभ कोरोना स्प्रेडर बन गया है।

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