यूपी के एक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया एक नोटिस सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। डीआईओएस राजेंद्र कुमार पांडेय ने नोटिस के जरिए आदेश दिया है, कि अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में किसी कर्मचारी या अधिकारी का चरण स्पर्श करना अब निषेध है। आदेश का उल्लंघन करने वाले लोग दंड के भागीदार हो सकते हैं।

पांडेय ने कहा- ‘इज्जत आंखों में होती है, मन में कड़वाहट लेकर दिखावे के लिए पैर छूना गलत है’। मामला बहराइच के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से जुड़ा हुआ है। डीआईओएस ने पैर छूने की प्रथा से परेशान होकर ये नोटिस जारी किया है, उनके आदेश से कार्यालय के बाहर यह नोटिस चिपका दिया गया है। बता दे, वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब पांडेय चर्चा में आए है। वह हमेशा ही अपने अहम क़दमों के कारण चर्चा में बने रहते हैं।

मीडिया से बात करते हुए डीआईओएस ने कहा, ‘लोग अपना मतलब निकलवाने के लिए झूठी मुस्कान के साथ चरण स्पर्श करते हैं। उन्होंने बताया, लोग पैर नहीं छूते, सिर्फ घुटना छूते हैं। ऐसे में बहुत लोग ऐसे हैं जो मेरे भी चरण भी स्पर्श करते हैं, लेकिन में इन सबको ठीक नहीं मानता हूं। इसलिए इस परंपरा को खत्म करने के लिए कार्यालय में पैर छूने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

राजेंद्र कुमार पांडेय ने कहा, ‘जारी किए गए नोटिस के अनुसार मेरे साथ-साथ सभी अधिकारियों के चरण स्पर्श पर निषेध लगाया गया है’। यह आदेश चाटुकारिता की परंपरा के जड़ से खात्मे के लिए जारी किया गया है, हालांकि कुछ शिक्षकों ने इसे हास्यास्पद बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here