केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Mansukh Mandaviya ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए बताया कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत भारत ने पिछले सप्ताह दो प्रमुख पड़ाव पार किए। 17 सितंबर को 2.5 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की खुराकें दी गयीं, जो विश्व स्तर पर एक दिन में वैक्सीन की खुराक की सबसे बड़ी संख्या है। इसी के साथ भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां अब तक वैक्सीन की कुल 80 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछले साल के बजट की तुलना में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने और भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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2014 के बाद से ही देशवासियों के स्वास्थ्य को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। तदनुसार, हमने दिसंबर 2014 में महत्वाकांक्षी कार्यक्रम, मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की, जिसके परिणामस्वरूप भारत में 90 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण कवरेज संभव हुआ है। कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद, कमजोर और उच्च जोखिम वाले समूहों तक पहुंचने तथा ‘कोई भी छूट न जाए’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, इस मिशन को 2019-20 में और तेज किया गया था। हमें इस बात का गर्व है कि मिशन के लॉन्च होने के बाद से अब तक 3.86 करोड़ बच्चों और लगभग 97 लाख गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीका लगाया जा चुका है।
यह बड़े गर्व की बात है कि देश में 77,000 से अधिक स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) काम कर रहे हैं और हम दिसंबर 2022 तक 150,000 एबी-एचडब्ल्यूसी के संचालन का लक्ष्य हासिल करने की ओर अग्रसर हैं। आयुष्मान भारत का दूसरा स्तंभ, यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) का शुभारंभ भी 2018 में किया गया था।
इस योजना की शुरुआत अस्पताल में भर्ती होने के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधी भारी-भरकम खर्चों से बचाव संबंधी सामाजिक सुरक्षा के इरादे से प्रति परिवार पांच लाख रुपये का बीमा कवर पाने वाले 10 करोड़ वंचित परिवारों समेत 50 करोड़ भारतीय नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में से एक है। पीएम-जेएवाई के तहत वंचितों को अब तक 16 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड, अस्पताल में दो करोड़ दाखिले और 26,000 करोड़ रुपये मूल्य के इलाज से जुड़ी सुविधाएं प्रदान की गईं हैं।
चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में हर साल दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक-से-अधिक बढ़ाने की दिशा में कई सुधार लागू किए गए हैं। वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2020 तक की अवधि में देश भर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 48 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एमबीबीएस सीटों की संख्या में 57 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसी तरह मेडिकल पीजी सीटों की संख्या में भी लगभग 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हम ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के तहत 16 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना कर रहे हैं और इसके साथ ही हम मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए राज्यों को आवश्यक सहयोग दे रहे हैं, ताकि इन कॉलेजों के परिसर में विशेष ट्रॉमा सेंटर और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक भी बनाए जा सकें। हमने डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी) से जुड़े पाठ्यक्रम और जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम जैसे सुधार एवं उपाय भी किए हैं जिससे कि डॉक्टरों की उपलब्धता और भी अधिक बढ़ाई जा सके।
हम अत्याधुनिक तकनीकों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और ऑनलाइन टूल जैसे कि ‘टेलीकंसल्टेशन के लिए ई-संजीवनी’के उपयोग के जरिए व्यापक डिजिटल बदलाव लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के कौशल का अधिकतम उपयोग करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि इस दिशा में टेलीकंसल्टेशन को काफी हद तक बढ़ाया गया है और 1.2 करोड़ से भी अधिक टेलीकंसल्टेशन हो चुके हैं। यही नहीं, ‘को-विन’की बदौलत हाल ही में सिर्फ एक ही दिन में 2.50 करोड़ से भी अधिक लोगों को डिजिटल और सत्यापन योग्य क्यूआर-कोड आधारित टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रदान करना संभव हो पाया है। ‘को-विन’के इस अत्यंत उत्साहवर्धक ताजा उदाहरण से माननीय प्रधानमंत्री के ‘स्वस्थ भारत’ विजन को साकार करने का मेरा भरोसा काफी बढ़ गया है।
आज मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया में सबसे कम कोविड पॉजिटिविटी दर एवं सबसे कम मृत्यु दर और इसके साथ ही कोविड से रिकवरी की उच्चतम दर को निरंतर बनाए रख पा रहा है। हमने कोविड से निपटने के लिए ‘सबका प्रयास’ के आदर्श वाक्य या मूल मंत्र का पालन किया जिसके तहत‘समग्र सरकार’ और ‘समग्र समाज’ के दृष्टिकोण के जरिए समस्त सरकारों, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कर्मियों और भारत के लोगों का संयुक्त प्रयास सुनिश्चित किया गया। यह मोदी जी का ही दृष्टिकोण है कि ‘स्वस्थ भारत’ के माध्यम से ही ‘समृद्ध भारत’का निर्माण संभव है। हम इस देश के 1.3 अरब लोगों को बेहतरीन और किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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