Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल के मुख्य कारण रहे एकनाथ शिंदे ने अपने राजनीतिक दांव-पेंच से प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने नाम कर ली है। शिवसेना से बगावत के बाद एकनाथ शिंदे औऱ शिवसेना सुप्रीमों उद्धव ठाकरे अब आमने- सामने आ गए है। Uddhav Thackeray ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संगठन में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। उद्धव ठाकरे ने आदेश जारी कर इसका कारण बताया कि, “शिंदे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण यह कार्रवाई की गई है।”
बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश नेताओं ने बगावत कर दी थी, जिसके बाद महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार संकट में आ गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा गया।
Maharashtra Politics: शिंदे से सुलह के पक्ष में शिवसेना सांसद
एक ओर जहां उद्धव औक शिंदे के बीच तकरार हर रोज नया मोड़ ले रही है। वहीं दूसरी ओर नए मुख्यमंत्री बने शिंदे से सुलह के पक्ष में खुद उद्धव खेमे के नेता खड़े हो गए है। शुक्रवार को Uddhav Thackeray ने पार्टी के सांसदों की बैठक बुलाई थी। जिसमें शिंदे से सुलह करने की सलाह दी गई थी। सुझाव देने वालों में पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। इनका कहना है कि पार्टी के हित को देखते हुए बागियों से सुलह जरूरी है।
Maharashtra Politics: मैंने कुछ गलत नहीं किया- शिंदे
महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उन्होंने और शिवसेना के बागी विधायकों ने भाजपा के समर्थन से राज्य में सरकार बनाकर कुछ गलत नहीं किया। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में एकनाथ शिंदे ने कहा कि, शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन स्वाभाविक है। विधायक चाहते थे कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सरकार का हिस्सा बनें, हमारे पास बहुमत और 170 विधायकों का समर्थन है।
बता दें कि 3 और 4 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। पहले दिन स्पीकर का चयन किया जाएगा। इसके लिए नामांकन का काम 2 जुलाई को पूरा कर लिया जाएगा। 4 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे संसद में बहुमत साबित करेंगे।
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