आज भारत छोड़ो आंदोलन ने अपने 75 वर्ष पूरे कर लिए। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इस आंदोलन को आज भी बड़े ही गौरवान्वित और गरिमामय ढंग से याद किया जाता है। यह आंदोलन इसलिए भी खास है क्योंकि भारत की आजादी का यह सबसे अंतिम और सबसे बड़ा आंदोलन था जिसका प्रभाव इतना अधिक था कि अन्ततः अंग्रेजों को भारत छोड़ कर जाना पड़ा था।

आज जहां पूरे देश में इस दिन को याद कर लोग क्रांतिकारियों के वीर गाथाओँ के बारे में बात कर रहे हैं, वहीं सदन में भी विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। जहां पीएम मोदी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी ने अपनेअपने ढंग से भूत, वर्तमान और भविष्य के भारत को परिभाषित किया। इस चर्चा के दौरान गांधी के भारत को भी याद किया गया।

पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्‍य है कि हमें इस आंदोलन को दोबारा याद करने का मौका मिला। भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में नई पी‍ढ़ियों को जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह हमारा दायित्व बनता है कि उस समय के महापुरूषों के बारे में नई पीढ़ियां जानें। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में 9 अगस्त की बड़ी भूमिका थी। उस दौरान महात्मा गांधी समेत कई बड़े नेता जेल गए। उस समय लाल बहादुर शास्त्री और राममनोहर लोहिया जैसे नेताओँ का जन्म हुआ। महात्मा गांधी को याद करते हुए पीएम कहते हैं कि आज हमारे पास गांधी जैसा नेतृत्व नहीं है किंतु फिर भी अगर हम साथ मिलकर काम करें तो उनके सपनों का भारत बना सकते हैं। मोदी ने कहा कि उस समय नारा था कि ‘करो या मरो’ और इस समय का नारा है ‘करेंगे और करके रहेंगे’। उन्होंने लोगों से अपील की कि आइए हम 2022 तक भारत को गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, सांप्रदायिकता से मुक्त करने का संकल्प लें और न्यू इंडियाका सपना पूरा करें। हम ईमानदारी से काम करने का संकल्प लेते हैं।

पीएम ने कहा, राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है। दल से बड़ा देश होता है। आज हम मिलकर काम करेंगे तो हमें सफलता जरुर मिलेगी।

वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि आंदोलन के समय ‘करो या मरो’ का नारा दिया गया था। इस आंदोलन में कांग्रेस के कई नेता गिरफ्तार हुए। जवाहर लाल नेहरू ने जेल में सबसे लंबा वक्त बिताया। अंग्रेजों ने बहुत जुल्म किए। लेकिन हमारे लोग अंग्रेजों के सामने झुके नहीं और निडरता के साथ आंदोलन को बनाए रखा।

सोनिया गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उस दौर में ऐसे संगठन और व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया। मुझे हैरानी होती है कि ऐसे संगठन जो आजादी के आंदोलन का विरोध करते थे, वे आज आजादी की बात कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि आज भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वीं सालगिरह पर क्या देश में अंधकार की शक्तियां तेजी से नहीं फैल रहीं।

सोनिया ने कहा कि यह आंदोलन हम सबको याद दिलाता है कि हम भारत के विचार को संप्रदायिक सोच का चेहरा नहीं बनने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन एक मिसाल है और आज हम उन शहीदों को नमन कर रहे हैं जिन्होंने देश की आजादी में अपनी जान गंवा दी।

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