जीका वायरस भारत में अपने पाँव पसार रहा है। अफ्रीका और अमेरिका के बाद अब इस वायरस की पुष्टि भारत में भी हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुजरात के अहमदाबाद में एक गर्भवती महिला समेत तीन लोगों में जीका वायरस के मामलों की पुष्टि की है। जीका का देश में यह पहला मामला है। यह सभी मामले शहर के बापूनगर इलाके से सामने आये हैं।

zika virus newsडब्ल्यूएचओ की ओर से जारी हुई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय- भारत सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद जिले के बापूनगर क्षेत्र में जीका वायरस के तीन मामलों की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद में बीजे मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर जांच के जरिए जीका वायरस बीमारी मामले की पहचान हुई है।

जांच में पॉजिटिव पाए गए यह सभी नमूने 10 से 16 फरवरी, 2016 के बीच एकत्रित किये गए थे। इस दौरान बीजे मेडिकल कॉलेज में रक्त के कुल 93 नमूने लिए गए थे।  जिसमें से 64 वर्षीय एक पुरुष की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में यह भारत में जीका का पहला मामला था। बीजेएमसी अस्पताल में ही एक बच्चे को जन्म देने वाली 34 वर्षीय महिला में भी जीका संक्रमण का पता चला। इसके अलावा, इसी अस्पताल में अपनी गर्भावस्था के 37वें सप्ताह में 22-वर्षीय एक गर्भवती महिला जीका वायरस से ग्रस्त पाई गई।

आपको बता दें कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने का मतलब है कि यह लोग जीका वायरस के जद में आ चुके हैं। साथ ही जीका वायरस अब भारत भी पहुँच चुका है और यह लोगों को बीमार बना रहा है। हालांकि, भारत में इन मामलों के सामने आने के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने भारत के लिए किसी यात्रा या व्यापार पाबंदी की अनुशंसा नहीं की है।

गौरतलब है कि जीका वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था। यहां से धीरे-धीरे यह वायरस अफ्रीका, अमेरिका और एशिया के कई देशों में फैल गया। जीका वायरस का सबसे ज्यादा असर नवजात बच्चों पर होता है। इसके प्रभाव के चलते उनका सिर छोटा रह जाता है और उनका दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता। यह वायरस डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के काटने से फैलता है। इस वायरस की जद में आने के बाद प्रभावित व्यक्ति में बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान और सिर दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। फिलहाल, जीका को पूरी तरह रोकने वाला और WHO से प्रमाणित वैक्सीन नहीं है। हालांकि, मच्छरों पर काबू करके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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