Deepawali का यह विज्ञापन फिर हो रहा है वायरल, आपने देखा क्‍या?

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Diwali
दीपावली पर ऐड हो तो ऐसा

दीपावली (Deepawali) को 12 दिन और बचे हैं। आज के 12 दिन बाद देशभर में रौशनी ही रौशनी होगी। हर घर के बाहर रंग बिरंगी रंगोली होगी, चारों तरफ पटाखों की आवाज सुनाई देगी। पता है आपको.. जब सोशल मीडिया नहीं था तो त्योहारों की तैयारी बाजारों में दिखती थी। अब त्योहारों की तैयारी सोशल मीडिया पर दिखती है। त्योहारों को देखते हुए बड़े बड़े ब्रांड कई तरह से कपड़ों और जुलरी का विज्ञापन कर रहे हैं। इस बार कई ब्रांड अपने विज्ञापन को लेकर निशाने पर आ गए हैं। Fab India, Tata Group और PCJ jewellery जैसे अन्य ब्रांड को हिंदू विरोधी बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

7 मिनट का विज्ञापन देख आंख हुई नम

इस खिलाफत वाली दुनिया में एक विज्ञापन ऐसा चल रहा है जिसे देखने के बाद हर कोई कह रहा है कि विज्ञापन हो तो ऐसा। इस विज्ञापन को देखने के बाद लोग इसकी सराहना कर रहे हैं और भावुक भी हो रहे हैं।

दीपावली पर जहां तमाम ब्रांड के विज्ञापन को हिंदू विरोधी बताया जा रहा है वहीं इस विज्ञापन को लोग काफी प्यार दे रहे हैं। 7 मिनट के इस विज्ञापन में दिख रहा है कि कोरोना काल में हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं। दीपावली आने वाली है पर किसी के पास कोई रोजगार नहीं है। विज्ञापन में दिख रहा है कि पूजा मिल्क सेंटर नाम से दुकान चलाने वाली पूजा नाम की लड़की घाटा सहकर भी लोगों को नौकरी देती है। दुकान में इतने मजदूरों की जरूरत नहीं रहती है फिर भी पूजा उन्हें नौकरी देती है। मजदूरों को तनख्वाह देने के लिए पूजा को अपनी कार भी बेचनी पड़ती है। पूजी के इस दरियादिली को देख मजदूर उनकी मदद करने के लिए सोचते हैं और फेसबुक के जरिए लोगों को बताते हैं कि बुरे हालात में भी पूजा ने सभी को नौकरी दी है। पूजा ने हमारी मदद की आप उनकी करिए। फेसबुक पर पोस्ट वायरल होते ही दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लग जाती है। फिर क्या था पूजा मिल्क सेंटर में मजदूरों की कमी पड़ जाती है।

वायरल हो रहा है विज्ञापन

विज्ञापन के आखिर तक आते आते आंख नम होने लगती है। यह विज्ञापन बता रहा है कि इस दीपावली अपने घर के साथ लोगों के घरों को भी रौशन करिए। साथ ही लॉकडाउन और कोरोना काल में बेरोजगार लोगों का दर्द भी दिखा रहा है।

विज्ञापन किस ब्रांड का है यह नहीं पता चल पा रहा है लेकिन वाट्सएप से लेकर फेसबुक पर चारों तरफ इसकी तारीफ भी रही है और लोग  हिंदू विरोधी वाट्सएप चलाने वालों को सीख लेने के लिए कह रह हैं।

वैसे आपको बता दें कि जिस तरह से विज्ञापन की तारीफ और खिलाफत का युग शुरू हो गया है, उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि जनता अब विज्ञापन में खुशी खोज रही है।

यहां से शुरू हुआ बवाल

गौरतलब है इस साल विज्ञापन की खिलाफत की शुरुआत Fabindia से हुई है। दीपावली पर फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज़’ विज्ञापन पर काफी बवाल हुआ है। क्लाथिंग, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी फैब इंडिया ने अपने फेस्टिव सीजन के लिए Jashn-e-Riwaaz कैंपेन लॉन्च किया था। इस कैंपेन में दीपावली के लिए कपड़े लॉन्च किए गए हैं और नाम दिया गया है Jashn-e-Riwaaz। हिंदुओं में ना जश्न होता है ना रिवाज होता है। यहां पर तो परंपरा और आनंद होता है। भारी विरोध के बाद कंपनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा

यह मुद्दा अभी नरम नहीं हुआ था कि टाटा ग्रुप के CLiQ Luxury द्वारा दिखाए गए विज्ञापन पर बवाल मच गया। इस विज्ञापन को देखने के बाद #NoBindiNoBusiness ट्रेंड करने लगा। दरअसल टाटा ग्रुप के CLiQ Luxury द्वारा दिखाए गए ऐड में दो मॉडल दिख रही हैं, दोनों ही मॉडल हरे रंग के सूट सलवार में दिख रही हैं। टाटा प्रचार तो दीवाली के लिए कर रहा है लेकिन इस तस्वीर को देखकर अंदाजा कतई नहीं लगाया जा सकता है कि इनकी टारगेट ऑडियंस कौन है।

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