कर्जमाफी के मांग को लेकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और देश के तमाम हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन के बीच देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो राज्य किसानों का कर्ज माफ कर रहे हैं, उन्हें इसके लिए खुद से संसाधन जुटाने होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि राज्यों को इसके लिए अपने संसाधनों से ही कोष का इंतजाम करना होगा। वित्त मंत्री ने ऐसा कहकर इस संदर्भ में केंद्र द्वारा किसी भी मदद को खारिज कर दिया है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र जैसे राज्य जो किसान ऋण माफी के लिए उत्सुक हैं, उन्हें अपने संसाधनों से धन जुटाना चाहिए।’

गौरतलब है कि रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने घोषणा की थी कि राज्य के एक करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, इससे महाराष्ट्र के राजकोष पर तकरीबन 35 हजार करोड़ का भार पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसानों के 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को माफ कर दिया था।

उधर राज्य भर में चल रहे हिंसक आंदोलनों के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कृषि कर्जमाफी की मांग पर गौर करने का वादा किया है। वहीं तेलंगाना, पंजाब और अन्य राज्यों में भी किसानों के तरफ से उचित मुआवजा और कर्जमाफी की मांग की जा रही है।

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