पीएम मोदी ने अपने हर भाषण में कहा है कि आतंकवाद का कोई देश, कोई धर्म, कोई जाति नहीं होता आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है और आतंकवाद को जन्म देने वाले आतंकी पूरी दुनिया के लिए आतंकी होते हैं। लेकिन शायद चीन को यह बात अभी भी नहीं समझ में आ रही है। एक तरफ जहां मसूद अजहर को पूरी दुनिया ने आतंकी मान लिया है। वहीं दूसरी तरफ चीन अपने करीबी मित्र पाकिस्तान को खुश ऱखने के लिए मसूद अजहर को आतंकी मानने से इंकार कर रहा है। यहां तक की संयुक्त राष्ट्र परिषद के सबसे मजबूत सदस्य अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन भी मसूद अजहर को आतंकी मान चुके हैं लेकिन चीन के वजह से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी का दर्जा नहीं मिल पा रहा है।
हालांकि मसूद अजहर पर अमेरिका का रुख साफ है और वो लगातार अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रयास कर रहा है। बुधवार को अमेरिका ने कहा कि मसूद अजहर एक बुरा आदमी है और उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाना चाहिए। अमेरिका विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम यह मानते हैं कि मसूद अजहर एक बुरा आदमी है और उसे आतंकी घोषित किया जाना चाहिए। नोर्ट ने कहा कि मसूद को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने वाली समिति से बातचीत हो रही है। बता दें कि पिछले हफ्ते चीन ने संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने की अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की कोशिशों में रूकावट डाली थी। इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के बीच आम राय ना होने का हवाला दिया था।
नोर्ट ने मीडिया से कहा कि चीन के इस कदम के बारे में तो आपको चीन की सरकार से ही पूछना पड़ेगा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। बता दें कि पुलवामा में मंगलवार को मुठभेड़ में मारे आतंकी महमूद तल्हा रशीद के शव को लेने से जैश–ए–मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने इन्कार कर दिया है। तल्हा मसूद अजहर का भतीजा है। अजहर मसूद को कंधार हाईजैक के दौरान भारत सरकार ने रिहा किया था। रिहाई के बाद ही उसने जैश-ए-मुहम्मद का गठन किया था।