हरियाणा दिल्ली बॉर्डर, दिल्ली यूपी बॉर्डर, हरियाणा राजस्थान बॉर्डर किसान आंदोलन के कारण बंद है। किसानों के कारण आम लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी दिक्कत हो रही है। नए कृषि कानून के खिलाफ किसान पिछले 20 दिन से सड़कों पर हैं। जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। इस बात को मद्दे नजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई। इसमें किसानों को सड़क से हटाने और सड़क को खोलने की मांग की गई है।

याचिका पर बुधवार को सुनावई हुई इस पूरे मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वो किसानों के पक्ष को भी सुनना चाहते हैं। इसी के साथ किसान संगठनों को एक नोटिस जारी किया गया है, साथ ही अदालत ने सरकार-किसान और अन्य स्टेकहोल्डर्स की कमेटी बनाने को कहा है।

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच का कहना है कि राष्ट्रीय मुद्दा सहमति से सुलझना चाहिए, ऐसे में जल्द से जल्द कमेटी बनाकर चर्चा हो। अदालत की ओर से किसान संगठनों को नोटिस दिया गया है, अब इस मसले पर पहले कल (गुरुवार) सुनवाई होगी फिर आगे का निर्णय होगा। सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों के साथ-साथ केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार को नोटिस भेजा है।

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किसान आंदोलन से इन रास्तों पर यातायात हो रहा है प्रभावित

  • गाजीपुर बॉर्डर NH-24 का गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाला मार्ग बंद
  • दिल्ली जाने वाले लोग NH-24 के बजाय आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर, अप्सरा बॉर्डर और भोपुरा बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • सिंघु बॉर्डर बंद
  • औचंदी बॉर्डर बंद
  • प्याऊ मनियारी बॉर्डर बंद
  • सबोली बॉर्डर बंद
  • मंगेश बॉर्डर बंद
  • दिल्ली जाने वाले लामपुर, साफियाबाद और सिंघु स्कूल टोल टैक्स सीमाओं का प्रयोग कर सकते हैं।
  • ट्रैफिक मुकरबा और जीटी करनाल रोड की तरफ डायवर्ट किया गया है।
  • आउटर रिंग रोड, जीटी करनाल रोड और NH-44 से बचने की कोशिश करें।

बता दें कि किसान आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान भी शामिल हैं। किसान नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों के इस मसले को सुलझाने के लिए सरकार से 4 से अधिक बार वार्ता हुई पर कोई हल नहीं निकला। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगे पूरा नहीं करती है तबतक सड़कों पर यू ही डटे रहेंगे।

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