ड्रग्स और नशे की तस्करी की वजह से पंजाब की अमरिंदर सरकार की फजीहत हो रही है और इसी फजीहत के बीच पंजाब सरकार ने अब नशे पर फुलस्टॉप लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। अमरिंदर सराकर ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठानी की तैयारी शुरु कर दी है।

कैप्टन सरकार ने फैसला किया है कि पंजाब में अब सरकारी कर्मचारियों की भर्ती के लिए डोप टेस्ट जरूरी होगा। इधर दो दिन पहले ही पंजाब कैबिनेट ने नशा तस्करों के लिए मृत्यु दंड के प्रावधान का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजा था।

10 मई को पंजाब सरकार ने हथियार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को डोप टेस्ट करवाना जरूरी कर दिया था। डोप टेस्ट से ये जानने की कोशिश की जाएगी कि हथियार का लाइसेंस लेने वाला युवक कहीं कोई नशा तो नहीं करता है। अगर डोप टेस्ट में नशे की मात्रा पाई गई तो पंजाब में जीवन भर हथियार के लाइसेंस से वंचित रहना पड़ेगा।

बता दें कि पंजाब में ड्रग्स की समस्या बेहद गंभीर है और पंजाब के युवाओं की बेहद बड़ी तादाद नशे की गिरफ्त में है। इसी मुद्दे को लेकर पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिरोमणि अकाली दल को हराकार कांग्रेस पार्टी ने सत्ता हासिल की थी। पंजाब में ड्रग्स की समस्या को लेकर कई बार वहां विरोध प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं लेकिन इस समस्या के पूरी तरह खात्मे को लेकर अभी भी खास सफलता मिलती नहीं दिख रही है।

                                                                                                              ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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