दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में चल रही अधिकारों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली में टकराव जारी है। दिल्ली सर्विसेज विभाग ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़े आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। सर्विज विभाग का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 में जारी उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया है जिसमें ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल या मुख्य सचिव के पास है।

वहीं दिल्ली सरकार ने सर्विसेज डिपार्टमेंट के इस रवैये को देखते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है। इससे दिल्‍ली में प्रशासनिक संकट पैदा हो सकता है।

वहीं, इस गुरुवार सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉंफ्रेंस कर अधिकारियों को निशाने पर लिया। उन्होंने इशारों में कहा कि कुछ अधिकारी मंत्रियों के आदेशों को नहीं मान रहे हैं, ऐसे में यह सुप्रीम के फैसलों व आदेशों की अवमानना होगी।

बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र की जीत बताया है।  सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करना होगा। कोर्ट के फैसले को आम आदमी पार्टी ने जनता की अपेक्षाओं की जीत बताते हुए फैसले का स्वागत किया है।

केंद्र शासित प्रदेश और राजधानी होने के कारण दिल्ली में राज्य के अलावा केंद्र के भी कई अधिकारी मौजूद होने का है। इनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र और राज्य के बीच बहस होती रहती है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार को अपने अधिकारियों पर फैसला करने की तो आजादी दी है, लेकिन अन्य अधिकारियों को लेकर छूट नहीं मिली है। इनमें ACB पर सबसे बड़ी लड़ाई है क्योंकि अभी भी ACB दिल्ली पुलिस के अतंर्गत ही है।

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