मेरठ में संघ प्रमुख मोहन भागवत एक अलग ही अंदाज में दिखे। उन्होंने संघ की नीति और सोच को बड़े ही स्पष्ट रूप से प्रकट किया। बता दें कि मेरठ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अब तक के सबसे बड़े स्वयंसेवक समागम राष्ट्रोदय की शुरुआत हो चुकी है। आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संपूर्ण समाज को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ना पड़ेगा, तभी समाज का उत्थान हो पाएगा। पूरी दुनिया को समय-समय पर धर्म देने वाला हमारा देश है। हम हिन्दू हैं इसलिए हम एक हैं। दुनिया मानती है कि एक होने के लिए एक सा होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कट्टर हिन्दुत्व का अर्थ कट्टर सत्य निष्ठा और कट्टर अहिंसा का पालन करने वाला कट्टरता उदारता के लिए है।
समागम में सर संघचालक मोहन भागवत के साथ जैन संत विहर्ष सागर महाराज और स्वामी अवधेशानंद गिरी भी उपस्थित रहे। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ही दुनिया को राह दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में एकता के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। इसको लेकर षड्यंत्र खूब होते रहे हैं, होंगे भी लेकिन हमें एकजुट होना है।’ उन्होंने कहा कि कट्टर हिंदुत्व यानी कट्टर अहिंसा। उन्होंने कहा कि कट्टरता उदारता के लिए है। दुनिया भी अच्छी बातों को तभी मानती है, जब उसके पीछे कोई शक्ति खड़ी हो।
उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं को एक होना है। प्राचीन काल से ये हमारा घर है। हमारे लिए दूसरे देश में जाने की जगह नहीं है। इस देश का कुछ बिगड़ता है तो जवाब हमें देना पड़ेगा। इस देश के लिए हम दायित्ववान लोग है, हमें तैयार होना पड़ेगा। हमारे झगड़ों पर सभी अपनी रोटियां सेंकते हैं। हमें ये मानना पड़ेगा कि हर हिंदू मेरा सहोदर भाई है। पंथ कोई हो, पूजा पद्धति कोई भी हो, जाति कोई भी हो, भगवान कोई भी हो। भारत माता को अपनी माता मानने वाला हिंदू है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं, जो हिंदू हैं लेकिन जानते नहीं है कि वे हिंदू हैं।