पंजाब नेशनल बैंक का दुर्भाग्य कहें या लापरवाही, एक के बाद एक घोटाले का नुकसान उसे उठाना पड़ रहा है। इससे बैंक की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। नरीव मोदी घोटाले के बाद अब एक नया घोटाला सामने आया है जिससे पंजाब नेशनल बैंक को फिर से लाखों रुपए का चूना लगा है। बैंक के बाड़मेर शाखा में यह घोटाला हुआ है। इस बार इस बैंक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। सीबीआई ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। सीबीआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्लैगशिप माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना के तहत जारी फर्जी ऋण से संबंधित यह मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने इसकी गहनता से जांच करना शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक, सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी बाड़मेर शहर के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर इंदर चन्द्र चंदावत के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई का कहना है कि चंदावत ने लोन जारी करने से पहले आवेदकों की जांच नहीं की, फिजिकल वेरीफिकेशन नहीं किया और लोन देने के बाद आवेदकों के संपत्ति अर्जित करने की भी जांच नहीं की हैं। खबर ये भी है कि एक सीनियर ब्रांच मैनेजर ने सितंबर 2016 और मार्च 2017 के बीच ‘बेईमानी और धोखाधड़ी’ से 26 मुद्रा लोन’ बांटे। कहा गया है कि इसके कारण बैंक को करीब 62 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पीएम मोदी की महत्वपूर्ण योजना में से एक था। इस योजना को बेरोजगारी मिटाने की वजह से लागू किया गया था। इस योजना में कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है और लोन देने के बाद इस राशि के जरिए आवेदक को कुछ संपत्ति अर्जित करनी होती है। इस शाखा से जारी किए गए मुद्रा लोन में ऐसा नहीं हुआ।

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