दुनियाभर में भारत की छवि धूमिल करने के लिए पाकिस्तान न जाने कौन-कौन से हठकंडे अपनाता रहता है। वो खुद तो आतंकवाद को लेकर अपने को बदनाम कर ही चुका है, अब वो भारत को कश्मीर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हर बार की तरह वो इस बार भी असफल रहा। दरअसल, जम्मू-कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट पर काफी बवाल मचा था। लेकिन अब इस रिपोर्ट से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा हुआ है। कनाडा में एक पाकिस्तानी मूल के इमाम ने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के हाई कमिश्नर जैद राद ने कश्मीर पर रिपोर्ट बनाने से पहले उनसे राय ली थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर जब रिपोर्ट बन रही थी, उस दौरान यूएनएचआरसी के हाई कमिश्नर उनसे संपर्क में थे।

इस खुलासे के बाद साफ है कि ये खुलासा कश्मीर में सेना के खिलाफ जारी की गई इस रिपोर्ट में पाकिस्तानी एजेंडे को दर्शाता है। कनाडा के टोरंटो शहर में यॉर्क प्रांत की मस्जिद में पाकिस्तानी मूल के इमाम जफर बंगाश मिसीसीसाउगा में कहा, ‘मैं आपसे यह कह सकता हूं, मैं पूरी मानवता और गर्व के साथ कहता हूं कि कश्मीर रिपोर्ट को तैयार करने में हमारी मुख्य भूमिका थी। यहां तक कि मैं तो खुद UNHCR के हाई कमिश्नर का व्यक्तिगत संवाददाता की तरह था। मैंने ई-मेल पर उनसे बात की थी, जिसमें उन्होंने मेरे पर्सनल ई-मेल पर जवाब दिया था।

बता दें कि ज़फर बंगाश एक इस्लामिक जर्नलिस्ट हैं और यॉर्क क्षेत्र की मस्जिद में इमाम भी हैं। खबरों के मुताबिक, रिपोर्ट हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने की भी चर्चा की गई है, जिसका घाटी में विरोध हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में नागरिकों के अपहरण, हत्या और यौन हिंसा जैसे मानवाधिकार उल्लंघन के वाकये जारी हैं।

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