दुनियाभर के करीब 40 फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा चुकी केजरीवाल पर बनी फिल्म ‘ऐन इनसिगनिफीकेंट मैन’ पर भारत में रोक लग गई है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म मेकर्स से मोदी,केजरीवाल आदि नेताओं से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेकर आने को कहा है। यह फिल्म एक ड्रॉक्युमेंट्री है जिसमें कई मुद्दों को दिखाया गया है। इसमें अन्ना हजारे द्वारा शुरू किया गया ऐंटी करप्शन प्रोटेस्ट,आम आदमी पार्टी की उत्पत्ति, आम आदमी पार्टी का अरविंद केजरीवाल की छत्रछाया में दिल्ली में बहुमत पाना सहित कई मसलों को दिखाया गया है। इस फिल्म को शिप ऑफ थीसिअस के निर्देशक आनंद गांधी ने प्रोड्यूस किया है।

जानकारी के मुताबिक, मुंबई के दो फिल्म मेकर्स खुशबू रांका और विनय शुक्ला सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी से इस फिल्म के लिए मिलने गए लेकिन पहलाज निहलानी ने उनकी एक नहीं सुनी और इस फिल्म के रिलीज़ के लिए पीएम मोदी, शीला दीक्षित,अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं से एनओसी लाने को कहा है। दोनो ही फिल्ममेकर्स ने डॉक्यूमेंट्री के सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई किया था। विनय शुक्ला कहते हैं- सेंसर बोर्ड की एग्जामिनिंग कमिटी के सामने उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग खत्म होने के बाद बोर्ड के सदस्यों ने हमसे कोई बात नहीं की ना ही हमारी कोई बात सुनी। जब हमने पूछा कि क्या उन्हें किसी बात से परेशानी है तो हमसे कहा गया कि चिट्ठी के जरिए हमें सारी बात बता दी जाएगी। वहीं डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक खुशबू रांका कहती हैं,क्या मिस्टर निहलानी प्रधानमंत्री से सेंसर चीफ का काम भी करवाएंगे। सेंसर बोर्ड क्यों नेताओं की तरफ से वॉचडॉग बनने की कोशिश कर रहा है? सेंसर बोर्ड का काम फिल्मों को सर्टिफाई करना है नेताओं की रखवाली करना नहीं। कम से कम वह हमें बताएं कि मूवी में किस सीन से उनको परेशानी है और उसकी वजह बताएं। खुशबू बताती हैं कि हमने जिन नेताओं की पब्लिक अपियरेंस का फुटेज इस्तेमाल किया है वह पहले से प्रमाणित है और मीडिया इसे प्रसारित भी कर चुका है।

वहीं पहलाज निहलानी ने कहा कि एनओसी की हमारी मांग जायज है क्योंकि निर्देशकों ने रीयल फुटेज का इस्तेमाल किया है जिसमें संसद की कार्यवाही और कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के असली नाम का इस्तेमाल है। साथ ही निहलानी ने बताया कि करण जौहर की फिल्म में रवीना टंडन के नाम का इस्तेमाल करना था तो उन्होंने उनसे एनओसी मांगी। वहीं जॉली एलएलबी-2 में सलमान खान के रेफरेंस के लिए एनओसी लिया गया था। इस ड्रॉक्यूमेंट्री में भी केजरीवाल, शीला दीक्षित,मोदी जैसे दिग्गज नेताओं का नाम आया है इसलिए हम एनओसी की मांग कर रहे हैं।

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