काबिल बनो कामयाबी झक मार कर पीछे आएगी। ये डॉयलाग तो याद ही होगा आपको। लेकिन ये बात सिर्फ फिल्मों में ही नही बल्कि हकीकत में भी देखने को मिलती है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहें है जिसने स्कूल को बीच में छोड़कर खुद को काबिल बनाया और आज कामयाबी उनके कदम चूम रही है। जहां 25 साल की उम्र में युवा पढ़ाई कर नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहें हैं वहीं ये युवा 25 साल की उम्र में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ बन गया है। यही नहीं, उनका नाम फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया 2018 में शामिल किया गया है। हम बात कर रहें है त्रिशनीत अरोड़ा की।

त्रिशनीत अरोड़ा ने लुधियाना के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में जन्म लिया। त्रिशनीत को बचपन से ही पढ़ाई में कम और कंप्यूटर में ज्यादा दिलचस्पी थी। पूरे दिन कंप्यूटर में हैकिंग सीखने की वजह से त्रिशनीत की पढ़ाई नहीं हो पाती और वह 8वीं में फेल हो गए। रिजल्ट आने पर माता-पिता से डांट खाई लेकिन त्रिशनीत ने हार नहीं मानी और कंप्यूटर में अपनी रुचि को बरकरार रखते हुए रेग्युलर पढ़ाई छोड़कर 12वीं तक कॉरस्पॉन्डेंस से पढ़ाई करने का फैसला किया।

त्रिशनीत अरोड़ा आज दुनिया के एक जाने-माने साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट हैं और करोड़ों का कारोबार करने वाली साइबर सिक्यॉरिटी फर्म टीएसी सिक्यॉरिटी सलूशंस के फाउंडर और सीईओ हैं। त्रिशनीत हैकिंग पर एक किताब भी लिख चुके हैं- ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स’।

टीएसी सुरक्षा कंपनियों के लिए मूल्यांकन और परीक्षण का काम करता है और उनकी साइबर सुरक्षा में कमजोरियों की पहचान करता है। इससे पहले कि फर्जी हैकर्स उन्हें प्रतिकूल रूप से इस्तेमाल कर सकें यह नेटवर्क और सूचना संपत्ति को विभिन्न गतिविधियों से सुरक्षित करने में सहायता करता है।

रिपोर्ट की मानें तो फोर्ब्स में नाम आने के लिए त्रिशनीत का नाम 2000 प्रविष्टियों में से चुना गया है। चुनाव आयोग, एवोन साइकिल, राल्को टायर, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पेमेंट गेटवेज का सिक्योरिटी एसेसमेंट त्रिशनीत के पास हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here