देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर मचा रही है। हर दिन 2024 लोगों की जान जी रही है। कोरोना ने देश की स्वास्थ व्यस्त को परास्त कर दिया है। अस्पतालों में बेड़ कम पड़ गया है। एक बेड पर दो मरीज हैं। अस्पताल की सीढ़ियों पर मरीज दम तोड़ रहे हैं। वहीं ऑक्सीजन की कमी के कारण देश में मौंतो का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह हिल गई है। यहां पर ऑक्सीजन की भारी कमी है। इस बीच मुंबई से एक महिला डॉक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे देखने बाद साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि, कोरोना किस तरह लोगों को अपनी आगोश में ले रहा है।

वीडियो में डॉक्टर तृप्ति गिलाडा रोती हुई बता रही हैं, ‘बहुत सारे डॉक्टरों की तरह मैं भी बहुत परेशान हूं। मुंबई की हालत तो बहुत ही खराब है। यहां के अस्पतालों में आईसीयू में जगह नहीं है। हम लोगों ने इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी है। हम असहाय हैं। मौजूदा स्थिति में इमोशनल ब्रेकडाउन हम सभी डॉक्टरों में भी कहीं ना कहीं हो रहा है। इसलिए अपना ख्याल रखें और खुद को सुरक्षित रखें।’

वीडियो में डॉक्टर गिलाडा कहती हैं, ‘आपको पिछले एक साल से कोरोना नहीं हुआ है। आपको लगता है कि आप सुपर हीरो हो, आपकी इम्युनिटी बहुत अच्छी है, तो आप गलतफहमी में हो. हम लोग 35 वर्ष के युवाओं को देख रहे हैं, जो वेंटिलेटर पर हैं और उनकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसा वक्त पहले कभी नहीं दिखाई दिया, जब इतने सारे लोगों को एक साथ मैनेज करना पड़ा हो। हम लोगों को घरों में ऑक्सीजन लगाकर मैनेज कर रहे हैं। जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं, उनमें सीरियस इन्फेक्शन कम दिख रहे हैं। हॉस्पिटलाइजेशन न के बराबर है। साफ है कि वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में मददगार है।’

डॉक्टर गिलाडा ने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए बेहद भावुक होकर कहा, ‘अभी की स्थिति में इमोशनल ब्रेकडाउन हम सभी डॉक्टरों में भी कहीं ना कहीं हो रहा है। इसलिए अपना ख्याल रखें और खुद को सुरक्षित रखें। पैनिक होकर हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत नहीं है। कुछ लोगों को एडमिट करना बेहद जरूरी हो रहा है। उनके लिए अस्पताल में बेड नहीं है।’

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