चुनावी बिसात पर नेता जातिवाद का पाशा फेंक चुके हैं। ऐसे में कौन सा नंबर आएगा जिसमें उनकी जीत होगी ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन अभी कुछ नेताओं का खेल ठीक से नहीं चल रहा है। दरअसल, केंद्रीय राज्य मंत्री एवं बिहार के बेगुसराय से भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया भी दलित के घर पर खाना खाने के लिए गए थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने बाहर से मंगाया हुआ खाना खाया था, जिसकी वजह से वह विवाद में आ गए। अब उन्होंने इस बात को स्वीकारा है कि खाना बाहर से ही आया था। हालांकि इसके पीछे उन्होंने इसकी वजह भी बताई कि ‘महिलाएं 200-300 लोगों के लिए कैसे खाना बना सकती हैं। हर गांव में एक कुक है और खास मौकों पर वही खाना बनाते हैं। इस बात को इतना क्यों तूल दिया जा रहा है? दलितों के घर खाना खाने के पीछे छिपे भाव को क्यों नहीं देखा जा रहा है?’

बता दें कि देशभर में जिस तरह से दलितों को निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया था, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी के नेताओं और मंत्रियो को निर्देश दिया था कि वह दलित बाहुल्य इलाकों में जाए और यहां के निवासियों के साथ समय गुजारे, ताकि उनका भरोसा एक बार फिर से जीता जा सके। लेकिन पीएम की यह कोशिश लगातार विवादों में है। उनके मंत्री पीएम मोदी का कहना तो मान रहे हैं लेकिन कुछ न कुछ ऐसा कर जा रहे हैं कि पूरी रणनीति ही उल्टी पड़ जा रही है।

अहलूवालिया के खाना खाने के बाद विपक्षीगण भी उनपर यही आरोप लगा रहे थे कि उनके लिए खाना बाहर से बनाकर मंगवाया गया और फिर उन्होंने खाना खाया। तब भाजपा ने इसका विरोध किया था।

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