मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से वार्ता की इस बीच बाइडेन ने भारत को भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक बताते हुए कहा कि, वह एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उभरने और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में इसकी भूमिका का स्वागत करता है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक समाचार कांफ्रेंस में संवाददाताओं को कहा, ‘भारत हमारे लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है। हम एक अग्रणी वैश्विक शक्ति और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत की उभरती भूमिका का स्वागत करते हैं।’

इससे पहले दिन में, उन्होंने बताया कि राज्य के सचिव टोनी ब्लिंकन ने अपने भारतीय समकक्ष, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ दो हफ्तों से भी कम समय में दूसरी बार बात की। कॉल के दौरान, दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत साझेदारी की ताकत की पुष्टि की और म्यांमार की स्थिति सहित आपसी चिंता के मुद्दों पर चर्चा की। 

ब्लिंकन ने सैन्य तख्तापलट और कानून के शासन के महत्व और म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने क्षेत्रीय विकास पर भी चर्चा की, जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में यूएस-भारत सहयोग का मूल्य भी शामिल था।

पीएम मोदी ने कहा कि, बातचीत के दौरान भारत और अमेरिका जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आगे भी सहयोग बढ़ाने और काम करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे और जो बाइडेन सामरिक साझेदारी बनाने पर राजी हुए हैं।

जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई वार्ता को लेकर व्हाइट हाउस ने भी एक बयान जारी किया है। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने को लेकर चर्चा की गई। बाइडेन ने विश्वभर में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रसार की बात कही और भारत के साथ व्यापक और मजबूत रिश्ते का खुद को हिमायती बताया। दोनों राष्ट्र प्रमुखों की बातचीत पर अमेरिका में भारतीय राजदूत टीएस संधू ने कहा कि हम भारत और अमेरिका के रिश्तों को नई ऊचाइयां देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक चुनौतियों से पार पाने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे।

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