तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को उनकी पुरानी शपथ की याद दिलाई है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तंज करते हुए कहा कि यह भी एक शपथ थी। जाहिर है, जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार 17 साल तक बीजेपी के साथ थे। वे साल 2015 में राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के साथ आ गए थे। फिर कुछ ही समय बाद वे बीजेपी के साथ चले गए।
17 साल की दोस्ती
बीजेपी के साथ रिश्तों में खटास पड़ने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि मर जाऊंगा पर एनडीए के साथ वापस नहीं जाउंगा। बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे पर बीजेपी के साथ दोबारा हाथ नहीं मिलाएंगे।
इसी खबर के एक चंक को आज तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, एक शपथ यह भी थी!
राजनीतिक अछूत
नीतीश कुमार की पार्टी का नाम पहले समता पार्टी थी। बाद में वह जनता दल यूनाइटेड हुई। यह पहली पार्टी थी जिसने बीजेपी को 1996 में सेक्युलर वैधता प्रदान की बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के सालों में बीजेपी को राजनीतिक अछूत माना जाता था। उस समय शिवसेना और शिरोमणी अकाली दल के अलावा बीजेपी के साथ कोई गठबंधन करने को तैयार नहीं था।
नीतीश कुमार और जॉर्ज फ़र्नांडिस ही वो दो शख़्स थे, जिन्होंने 1998 में अन्य सेक्युलर पार्टियों के बीजेपी के साथ आने का रास्ता बनाया। नीतीश कुमार पूरे 17 साल बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चलाते रहे। 17 साली की दोस्ती के बाद नीतीश ने साल 2015 में अपना रास्ता अलग कर लिया था लेकिन रिश्तों में यह खटास अधिक समय तक चली नहीं। कुछ ही समय बाद नीतीश फिर अपने पुराने दोस्त बीजेपी के साथ आ गए।
नीतीश कुमार की मांग
नीतीश कुमार ही वह पहले शख्स हैं जिन्होंने गुजरात दंगों के बाद उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्र में आकर बड़ी भूमिका निभाने की बात कही थी।
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