भारत के नए संसद भवन के निर्माण के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कोई फैसला न सुनाया जाए, तब तक ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के तहत कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नही होनी चाहिए और न ही कोई पेड़ काटा जाना चाहिए। अदालत ने सालिसिटर जनरल से कहा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। शिलान्यास से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आगे कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होना चाहिए। बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

इसस पहले शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नये संसद भवन एवं संबंधित अन्य इमारतों के निमार्ण से जुड़ी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर फिलहाल रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए सात जुलाई की तारीख मुकर्रर करते हुए कहा था कि अगर कुछ कानून के मुताबिक हो रहा है तो उसे कैसे रोका जा सकता है। याचिकाकर्ता राजीव सूरी की ओर से पेश वकील शिखिल सूरी ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि सरकार न्यायालय के समक्ष मामला लंबित होने के बावजूद इस परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी प्रदान करते जा रही है।

बहरहाल सरकार अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शिलान्यास कार्यक्रम को जारी रख सकती है। हम आपको बता दें कि संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद ‘सेंट्रल विस्टा क्षेत्र’ को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है। सेंट्र्ल विस्टा परियोजना के तहत नए सचिवालय में 10 भवन बनाए जाएंगे। संसद भवन के ठीक बगल में नया संसद बनाया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लाक को एक कर म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा।

पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने मौजूदा संसद भवन के विस्तार और नवीनीकरण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी देने की सिफारिश भी की है।

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