स्कूलों में बढ़ रहे क्राइम और लापरवाही को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों से जवाब मांगा है कि वो स्कूलों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही है। हाल के दिनों में लगातार कहीं न कहीं से स्कूलों में बच्चों के साथ किसी न किसी प्रकार के शोषण की खबर आ रही है। इन घटनाओं से आज पूरा देश आग-बबूला है। विद्यालयों के व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। बड़े से बड़े और छोटे से छोटे स्कूलों में बच्चों के प्रति लापरवाही देखने को मिल रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ है।

इससे पहले देश के सभी स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में महिला वकीलों ने संयुक्त रूप से एक याचिका डाली थी। याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में सुरक्षा को लेकर गाइडलाइंस तो है लेकिन उन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवारी बरती जा रही है। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि प्रद्युमन मर्डर केस के बाद देश के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रश्नचिन्ह लग गए था। सिर्फ प्रद्युमन ही नहीं उसकी हत्या के बाद भी कई ऐसी घटनाएं घटी जिससे पूरा देश हिल गया। चार- पांच साल की बच्चियों के साथ स्कूल के अंदर रेप किया जा रहा है तो कहीं किसी बच्चें को बर्बरता के साथ पीटा जा रहा है। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीबीएसई ने सख्त निर्देश दिए हैं कि स्कूल के अंदर बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार भी सचेत हुई है।

प्रद्युमन केश में आया नया मोड़

प्रद्युमन मर्डर केस सुलझने के बजाए और उलझता जा रहा है। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसमें पुलिस का कामकाज भी सवालों के घेरे में आते जा रहा है। गुरुवार को पुलिस ने स्कूल के माली से 5 घंटे तक पूछताछ की जिसके बाद उसका कहना है कि आरोपी अशोक कुमार की शर्ट पर कोई खून के दाग नहीं थे। साथ ही उसने ये भी कहा कि पुलिस ने पूछताछ के समय मेरे साथ ज्यादती थी, मुझे मारा-पीटा गया। पुलिस के ऊपर यह आरोप दूसरी बार लगा है। इससे पहले बस ड्राइवर ने पुलिस पर मानसिक दबाव बनाने का इल्जाम लगाया था। बता दें कि माली हरपाल पुलिस के लिए सबसे बड़े सबूत के रूप में था। ऐसे में उसका आरोपी के पक्ष में बयान देना सिर्फ पुलिस के लिए ही मुसीबत नहीं बढ़ाता बल्कि इस केस को भी और ज्यादा उलझा देता है।

वहीं प्रद्युमन की मां समेत परिवारजनों का कहना है कि पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही। स्कूल प्रशासन बस कंडक्टर अशोक को मोहरा बनाकर बचना चाहता है। मां का कहना है कि प्रद्युमन का किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उसने कुछ ऐसा देख लिया था जिसके कारण उसकी हत्या कर दी गई।  एसआईटी हेड इस मामले में स्कूल के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ से पूछताछ कर रही है। गुरुवार को स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर से इस केस के गवाह तीन स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी ली गई है। लोगों को शक है कि आरोपी अशोक को मारपीट कर गुनाह को जबरदस्ती कबूलवाया गया है। इस मर्डर केस में पुलिस लगातार सुराग जुटाने में लगी है। लेकिन लोगों को डर है कि कहीं इसका हाल भी आयुषी मर्डर केस के भांति न हो जाए।

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