पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल आगामी लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने के चक्कर में राहुल तथा गांधी परिवार का नाम सिख विरोधी दंगों में घसीटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आज यहां कहा कि इससे सिद्ध होता है कि बादल आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव मैदान में कूदने के लिये हाथ पैर मार रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का समर्थन जुटाने के लिये चुनाव से पहले लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करना उन्हें शोभा नहीं देता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहरहाल बादल इस संवेदनशील मसले का राजनीतिकरण बंद करें क्योंकि सियासी लाभ के लिये धर्म का दुरूपयोग करने से अकाली दल का कोई लाभ नहीं होगा और लोकसभा चुनाव में अकाली दल का हस्र विधानसभा चुनावों जैसा होगा। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों में बेवजह गांधी परिवार का नाम घसीटे जाने की निंदा करते हुये कहा कि इन दंगों में व्यक्तिगत तौर पर कुछ कांग्रेसी नेता शामिल थे जिन्हें कांग्रेस नेतृत्व का कोई समर्थन प्राप्त नहीं था।

कैप्टन सिंह ने कहा कि अकाली नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व को कमजोर करने के लिये कोशिश कर रहे हैं। राहुल की अगुवाई में कांग्रेस ने हाल में तीन बड़े राज्यों में जीत हासिल की है।

उन्होंने कहा कि गुनाहगारों का कोई धर्म नहीं होता और न ही उनका किसी राजनैतिक पार्टी से कोई वास्ता होता। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हिंसा भडक़ाने वाले लोगों को अपने किये की सज़ा भुगतनी ही पड़ेगी।  अदालत ने सज्जन कुमार को उम्र कैद की सज़ा देकर इस केस में मिसाल कायम की है। उन्होंने भरोसा ज़ाहिर किया कि इस घृणित अपराध में शामिल बाकी दोषियों का यही हाल होगा।

मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि बादल दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए सचमुच ही चिंतित हैं तो इस मामले में तुगलक पुलिस थाने में दर्ज एफ.आई.आर. में शामिल आर.एस.एस./भाजपा के 22 वर्करों के मुद्दे को कभी क्यों नहीं उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी ने कभी इस मुद्दे को नहीं उठाया क्योंकि उनका मानना है कि अपराधियों का न कोई धर्म होता है और न ही कोई राजनैतिक विचारधारा। दोषियों को सज़ा देना अब अदालत पर निर्भर है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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