भारत में जितनी तेजी से सरकार डिजिटल इंडिया और न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की कोशिशों में लगी है। उतनी ही तेजी से देश में साइबर हमले भी बढ़ रहे हैं जो एक पल में सरकार के सपने को बैकफुट पर ला देते हैं। जी हां, देश में फिर ‘लॉकी रैनसमवेयर’ नामक वॉयरस की चर्चा जोर पकड़ रही है। सरकार ने इस नए कम्प्यूटर वॉयरस को लेकर चेतावनी जारी की है। ये वॉयरस कम्प्यूटर को लॉक कर देता है। फिर इसे खोलने के लिए फिरौती मांगी जाती है। ये वॉयरस कम्प्यूटर में ई-मेल के जरिए पहुंच सकता है। सरकार ने कहा है कि लॉकी रैनसमवेयर को फैलाने के मकसद से करीब दो करोड़ तीस लाख मैसेज भेजे जा चुके हैं। बता दें कि मई महीने में यह वॉयरस सरकार के जानकारी में आया था।

सरकार ने इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी के अतिरिक्त सचिव अजय कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘आज सीईआरटी ने लॉकी रैनसमवेयर के फैलने की चेतावनी दी.’’ रैनसमवेयर एक कम्प्यूटर वायरस है और समझा जाता है कि यह वर्तमान में आधा बिटकॉइन मांग रहा है जिसकी वर्तमान दर डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा है। मई महीने में महाराष्ट्र मंत्रालय के तक़रीबन 150 कंप्यूटर लॉक हो गए थे यानी उन कंप्यूटरों में दर्ज फ़ाइलों को खोला या पढ़ा नहीं जा सकता है। उस समय जानकारों ने बताया था कि ये एक वायरस अटैक है, जिसके जरिये कंप्यूटर की फ़ाइल लॉक कर फिरौती वसूली जाती है, इसलिए इसका नाम ही लॉकी रैनसमवेयर है। साइबर स्वच्छता केंद्र द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया है कि ये रैनसमवेयर ई-मेल में अटैचमेंट के रूप में भेजा जा रहा है जिसके सब्जेक्ट लाइन में लॉकी रैनसमवेयर के अलग-अलग प्रकार का नाम दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी भारत सहित दुनियाभर में रैनसमवेयर वायरस ‘वानाक्राई’ ने काफी परेशान किया था। भारत में इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने इंटरनेट यूजर्स को अलर्ट भी जारी किया था। यूजर्स को बता दें कि किसी भी तरह के फर्जी मेल ओपेन न करें। कॉम्प्रेस फाइल को खोलने से पहले सतर्कता बरतें। सिस्टम में एंटी वॉयरस अपडेट कर लें।

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