यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को लोकभवन में स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के उमर उद्घोष ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ के 101वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘स्मृति-समारोह’  में शिरकत करने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारत के विखंडन की बात उठाई जाए, यह स्वतंत्रता नहीं हो सकती। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है।

आगे योगी ने कहा कि तिलक ने राष्ट्रधर्म के निर्वाह के लिए लखनऊ में यह उद्घोष किया था। हमें इस उद्घोष के अर्थ को समझना होगा। हमें समझना होगा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता, संविधान से प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत है। असीमित नहीं है।

कई बार लोग कहते हैं कि देश की आजादी ने उन्हें क्या दिया? ऐसा कहने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करते हैं। देश ने हमें वह सब कुछ दिया है और दे रहा है, एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हम जिसके अधिकारी हैं।

योगी ने कार्यक्रम में गीता का पाठ करने वाली मेरठ की आलिया खान का उदाहरण देते हुए कहा कि आलिया खान ने जिस तरह गीता का पाठ किया, वह उन पाखंडियों की आंखें खोलने वाला है, जो धर्म के नाम पर हमें बांटते हैं।इसके साथ ही योगी बोले की स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का लखनऊ का भवन काफी जर्जर है। उसे जल्द ही दोबारा बनाया जाएगा। संबंधित मंत्री को हमने आदेश दिए हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर योजना चल रही है। उसे आगे बढ़ाया जाएगा। इन महापुरुषों को हर काल खंड में याद करना चाहिए

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व योगी ने अमर स्वतंत्रता सेनानियों बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडेय, तांत्या टोपे, बहादुर शाह जफर, सावरकर, भगत सिंह, अशफाक उल्लाह खां, चंद्रशेखर आजाद, ठाकुर रोशन सिंह, रामकृष्ण खत्री, शचींद्र नाथ बख्शी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि के परिवारीजनों व तमाम स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। समारोह में गीता गायन व भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।

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