निर्देशक भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विरोध प्रदर्शन हर दिन नया मोड़ लेता जा रहा है। शनिवार को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने ऐलान किया है, कि इस फिल्म को जिस भी रिलीज़ किया जाएगा, उस सिनेमाघर में आग लगा दी जाएगी। आम जनता द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अब सेंसर बोर्ड द्वारा निर्मित पैनल पर भी सवाल उठने लगे हैं। बता दे राजपूत करणी सेना और जौहर स्मृति संस्थान ने समीक्षा पैनल को खत्म कर नया पैनल बनाने की गुजारिश की है। इसके साथ ही राजपूत और जौहर संस्थान पैनल में मेवाड़ राजघराने के पूर्व महाराजा महेन्द्र सिंह और उनके बेटे विश्वराज सिंह को शामिल करना चाहता है।

फिल्म की जब से शूटिंग शुरू हुई थी, तभी से फिल्म में दिखाए जा रहे तथ्यों को लेकर विवाद किया जा रहा था। इसी कड़ी में शनिवार को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने एक विवादित ब्यान देते हुए ऐलान किया है, कि इस फिल्म को जिस भी सिनेमाघर में प्रदर्शित किया जाएगा, उस सिनेमाघर को तोड़फोड़ और आगजनी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही ये भी चेतावनी दी गई कि राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता किसी भी हाल में फिल्म को रिलीज़ नहीं होने देंगे।

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने बताया, कि फिल्म का शुरू से ही रिव्यू कमेटी द्वारा विरोध किया जा रहा था, लेकिन इसके बावजूद सेंसर बोर्ड ने अंडर व‌र्ल्ड के दबाव में आकर इस फिल्म को बनाने की अनुमति दे दी थी ।

वही इस बारे में करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी का मानना है, कि फिल्म देखने के बाद पैनल ने सेंसर बोर्ड को साफ़ तौर पर ये कह दिया है, कि इस फिल्म को किसी भी हाल में रिलीज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें तथ्यों को बहुत तोड़-मरोड़कर दिखाया जा रहा हैं। साथ ही घूमर गाने को भी बेन करने की मांग की है।

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