राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। भागवत ने राम मंदिर पर जारी बहस के बीच कहा है कि इस मुद्दे का इलाज़ अदालत में संभव नहीं है। भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों को अदालत से बाहर मामले को सुलझाने की बात कही है। इसके अलावा अब उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों ही जगहों पर बीजेपी की सरकार है और बीजेपी के कई नेता समय-समय पर राम मंदिर बनने की बात करते रहे हैं।

मोहन भागवत धर्म, संस्कृति रक्षा समिति की ओर से आयोजित हिन्दू समागम के एक कार्यक्रम में शामिल होने झारखण्ड की बाबा नगरी देवघर के कुम्हराबांधी मैदान में बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे थे। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर मुद्दा छाया रहा। मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने दावा किया कि मुस्लिम और ईसाई राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इनके नाम पर राजनीति करने वाले कट्टरपंथी और गुंडागर्दी करने वाले राम मंदिर नहीं बनने देना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट में बहस करने के बजाय जनभावना का सम्मान करते हुए राम मंदिर अयोध्या में बन जाना चाहिए।

राम मंदिर के अलावा भागवत ने कहा कि देश में जन जागरण चल रहा है। अब चार प्रकार के हिन्दू हो गए हैं। हम अपनी पहचान सिर्फ 1000-1200 वर्षों में भूल गए हैं। हम हिन्दुओं को जागृत होने की जरुरत है। सब को साथ मिल कर चलने की जरुरत है। यह सीख हम हिन्दू ही देते हैं और इसलिए दुनिया को हमारी जरुरत है। 

भागवत इससे पहले भी ऐसे मुद्दों पर अपनी बेबाक राय देते रहे हैं। राम मंदिर मुद्दे से पहले अपने एक बयान में उन्होंने गौ हत्या पर कानून लाने की बात कही थी। उन्होंने अपने बयान में गौ रक्षकों से कानून का पालन करने को भी कहा था उनका यह बयान भी काफी सुर्ख़ियों में रहा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here