प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड में मंडल डैम समेत छह परियोजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास किया। मोदी ने यहां चियांकी हवाईअड्डा मैदान से उत्तर कोयल (मंडल डैम) परियोजना के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की योजना की आधारशिला रखी गई। इस योजना का शीर्ष कार्य (डैम) लातेहार जिला के बरवाडी प्रखंड में उत्तर कोयल नदी पर निर्मित है। इस योजना के 2391.36 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण होने से गढ़वा एवं पलामू जिले में 19604 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री ने सोन नहर पाइपलाइन सिंचाई योजना का शिलान्यास किया। इस योजना के तहत गढ़वा जिला में पाइपलाइन से विभिन्न जलाशयों को भरकर पेयजल एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 1169.28 करोड़ रुपये की लागत से सोन नहर पाइपलाइन योजना का निर्माण कराया जा रहा है। इसके तहत कुल 73.80 एम.सी.एम. पानी लिफ्ट किए जाने का प्रावधान है। इस योजना से पेयजल के लिए 12.89 एम.सी.एम. एवं सिंचाई के लिए 60.92 एम.सी.एम. जल उपलब्ध कराया जाएगा। गढ़वा जिला के रंका, धुरकी, रामकंडा, रमणा, चिनिया, डन्डई, भंडरिया, गढ़वा, नगरउटारी, मेराल, मझिआँव, भवनाथपुर, काँडी, केतार, खरौंधी, संगमा, विशुनपुरा प्रखंडो को सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मोदी ने बतेर वीयर योजना का पुनरुद्धार एवं लाईनिंग कार्य का शिलान्यास किया। यह योजना पलामू जिले के हरिहरगंज प्रखंड में बतेर नदी पर निर्मित है। इस योजना के पुनरुद्धार एवं मुख्य नहरों के लाईनिंग कार्य 17.47 करोड़ की लागत से कराया जाना है। कार्य पूर्ण करने के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है। इस योजना के पूर्ण होने से राज्य के 1008 हेक्टेयर खरीफ तथा 112 हेक्टेयर रबी फसलों के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

बायीं बांकी जलाशय योजना का पुनरुद्धार एवं लाईनिंग कार्य का शिलान्यास हुआ। यह योजना गढ़वा जिला के नगरउटारी प्रखंड में निर्मित है। इस योजना के पुनरुद्धार एवं मुख्य नहरों के लाईनिंग कार्य 24.80 करोड़ रुपये की लागत से कराये जाने हैं। कार्य पूर्ण करने के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है। इस योजना के पूर्ण होने से राज्य के 1200 हेक्टेयर खरीफ तथा 400 हेक्टेयर रबी फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। चतरा जिला के मयूरखंड प्रखंड में अंजनवा जलाशय योजना का पुनरुद्धार एवं लाइनिंग कार्य का शिलान्यास हुआ। इस योजना के पुनरुद्धार एवं मुख्य नहरों के लाइनिंग कार्य 67.53 करोड़ रुपये की लागत से कराया जाना है। कार्य पूर्ण करने के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है। इस योजना से राज्य के 1560 हेक्टेयर खरीफ तथा 400 हेक्टेयर रबी फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में ब्राह्मणी सिचाई योजना का पुनरुद्धार एवं लाइनिंग कार्य का शिलान्यास किया। इस योजना के पुनरुद्धार के कार्य 11.62 करोड़ रुपये की लागत से कराया जाना है। कार्य पूर्ण करने के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है। इस योजना से झारखंड के 1350 हेक्टेयर खरीफ फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

कांग्रेस ने किसानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एवं उनकी पार्टी की किसानों की ऋण माफी योजना के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा कि उनकी सरकार कृषकों को अन्नदाता मानती है जबकि कांग्रेस उनका केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही है। मोदी ने आज 3682.06 करोड़ रुपये की मंडल डैम समेत छह परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद चियांकी हवाईअड्डा मैदान में सभा को संबोधित करते हुये कहा कि ऋण माफी के नाम पर कुछ लोग केवल झूठ ही नहीं बोल रहे बल्कि किसानों को गुमराह भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने उत्तर कोयल परियोजना का नाम तक नहीं सुना होगा। उन्हें तो यह भी नहीं पता होगा कि उत्तर कोयल डैम, नदी या किसी चिड़िया का नाम है। केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के बारे में सोचा तक नहीं।”

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर कोयल परियोजना का कार्य 47 वर्ष से अधूरा पड़ा है। वर्ष 1972 में इस परियोजना का कार्य शुरू हुआ था लेकिन एक के बाद एक अड़चनों के कारण यह पूर्ण नहीं हो सका। इतना ही नहीं पिछले 25 वर्ष से तो इस परियोजना का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “आप लोग बतायें कि क्या इस परियोजना को पूर्ण होने में 50 वर्ष का समय लगना चाहिए था। यह पूर्व की कांग्रेस सरकार की किसानों के खिलाफ अनदेखी का अपराध और कर दाताओं के साथ बेईमानी का जीता जागता प्रमाण है।” मोदी ने कहा कि पहले इस परियोजना की अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 2400 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी के कारण इस परियोजना की लागत 80 गुना बढ़ गई है और इस राशि का भुगतान देश के करदाताओं को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अधर में लटकाने वाले झारखंड और बिहार के किसानों, लोगों और समाज के दोषी हैं।

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प्रधानमंत्री ने लोगों से पूछा, “उन दोषियों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं। मोदी (प्रधानमंत्री) को उनसे लड़ना चाहिए या नहीं। चौकीदार को काम करना चाहिए या नहीं।” उन्होंने कहा कि मंडल डैम परियोजना का लंबित होना साबित करता है कि झारखंड और बिहार के लोगों के साथ कितना अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी और पूर्ववर्ती सरकारों में अंतर केवल इतना है कि मौजूदा सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है जबकि पहले की सरकारों के लिए वे केवल वोट बैंक की तरह रहे हैं।

मोदी ने कहा कि लंबित मंडल डैम परियोजना की आधारशिला रखा जाना मामूली बात नहीं है। अविभाजित बिहार में उनकी (कांग्रेस) सरकार न तो आम लोगों के लिए संवेदनशील रही और न ही उसने किसानों के दर्द को महसूस किया। उन्होंने कहा कि देश में राज्यों के बीच जल युद्ध जारी रहा है और ये मामले उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं। वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक दल अपने हित साधने के लिए इन मुद्दों की आड़ में लड़त रहे।

साभार, ईएनसी टाईम्स

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