बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहा शराब कारोबारी विजय माल्या को PMLA कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद अब सरकार को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा।

यही नहीं पीएमएलए कोर्ट ने विजय माल्या की अपील करने के लिए कुछ समय दिए जाने की मांग को भी खारिज कर दिया। बता दें कि विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट ने ब्रिटेन सरकार को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।

नए अधिनियम के तहत जिसे आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है, उसकी सम्पत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाती है। आर्थिक भगोड़ा वह होता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्द अपराधों के लिए गिर‌फ्तारी का वारंट जारी किया गया होता है।

साथ ही ऐसा व्यक्ति भारत को छोड़ चुका है, ताकि यहां हो रही आपराधिक कार्रवाई से बच सके या वह विदेश में हो और इस कार्रवाई से बचने के लिए भारत आने से मना कर रहा है। इस अध्यादेश के तहत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के धोखाधड़ी, चेक अनादर और लोन डिफाल्ट के मामले आते हैं।

मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए विजय माल्या पर कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में वे भारत में वांछित हैं। माल्या ने बंबई हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

हाई कोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के ईडी की अर्जी पर रोक लगाने के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले, विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी।

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