Singhu Border: कौन होते हैं निहंग सिख? जिन पर लगा है युवक की हत्या का आरोप

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Who are Nihang Sikhs?
Who are Nihang Sikhs?

Singhu Border पर गुरुवार की रात को किसान आंदोलन स्थल पर एक 35 साल के अज्ञात नवयुवक की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी गई। वायरल वीडियो के आधार पर यह दावा किया जा रहा कि युवक की हत्‍या निहंग सिख ने की है। जिसके बाद आज दिन भर से निहंग सिख (Nihang Sikhs) चर्चा में हैं। 

निहंग का शब्‍द का अर्थ

सिख इतिहासकार डॉ बलवंत सिंह ढिल्लों (Dr Balwant Singh Dhillon) के अनुसार, ” निहंग शब्‍द का फ़ारसी में अर्थ मगरमच्छ, तलवार और कलम होता है लेकिन निहंग शब्‍द का अर्थ संस्कृत शब्द निहशंक से अधिक मिलता प्रतीत होता हैं क्‍योंक‍ि उसका अर्थ है किसी से डरने नहीं वाला, बेदाग, शुद्ध, किसी की परवाह न करने वाला।

19वीं सदी के इतिहासकार रतन सिंह भंगू (Rattan Singh Bhangu) ने निहंगों को “दर्द या आराम में ज्यों का त्यों का रहने वाला, “ध्यान में मग्‍न रहने वाला, तपस्या और दान करने वाले के रूप में वर्णित किया है।

निहंग कौन है?

निहंग सिख योद्धाओं का एक समूह है, जो नीले वस्त्र और पगड़ी पहनते हैं, उनके पास तलवार और भाले जैसे प्राचीन हथियार होते हैं। राग आसा में गुरु अर्जन देव जी ने निहंग का वर्णन इस प्रकार किया है कि जो कोई भी भय से मुक्त रहता है उसे ‘निहंग’ कहा जाता है।

निहंग कहाँ से आए थे?

ऐसा माना जाता कि निहंगों की उत्पत्ति 1699 के आसपास हुई थी। कई लोग इस संप्रदाय को “गुरु दी लाडली फौज” (गुरु की पसंदीदा सेना) होने का दावा करते हैं। माना जाता है कि निहंगों का समूह सिखों के छठे गुरु गुरु हरगोबिंद की अकाल सेना से उभरा है और बाद में अकाल सेना 10 वें गुरु के ‘खालसा फौज’ में बदल गई। 18 वीं शताब्दी के मध्य में अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली (Ahmad Shah Abdali) के द्वारा किए गए हमलों के दौरान निहंगों ने सिखों की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाई थी। निहंग महाराजा रणजीत सिंह की सेना में भी प्रमुख पदों पर भी शामिल थे।

निहंगों का आज का स्‍वरूप

पारंपरिक निहंग पोशाक को खालसा स्वरूप के नाम से जाना जाता है। निहंगों की पूरी पोशाक नीली होती है और इस का चुनाव सरहिंद के मुगल गवर्नर वज़ीर खान के साथ संघर्ष करने के बाद गुरु गोबिंद सिंह ने किया था। निहंग कलाई में लोहे के धार वाले कंगन और सिर में नीली पगड़ी और अपने पास खंजर (किरपान) रखते हैं।

निहंग को आज सिख समुदाय में बहुत सम्मान और स्नेह दिया जाता है, लेकिन उनकी अलग मान्यताएं और कुछ प्रथाएं हैं। जबकि यह समुह मुख्य रूप से औपचारिक है, वे युद्ध के समय में अपने लोगों की रक्षा करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं। निहंग भारत के पंजाब राज्य के आनंदपुर में हजारों की संख्या में इकट्ठा होते हैं। सतलुज नदी के पास स्थित यह शहर सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जहां वे अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं।

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