मोदी सरकार के 8 साल पूरा होने पर बोले RJD नेता- नालायक विपक्ष नहीं दे पा रहा PM Modi को चुनौती

सितंबर 2013 में नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद, 'बहुत हो गई महंगाई की मार, अब की बार मोदी सरकार' और 'हम मोदी जी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं' जैसे नारे गूंजने लगे थे।

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Shivanand Tiwari
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PM Modi: 26 मई का देश के इतिहास में विशेष महत्व है क्योंकि 8 साल पहले इसीदिन शानदार चुनावी जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 2019 में, नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला। अब 2014 से 2022 तक मोदी सरकार के 8 वर्ष पूरे हो चुके हैं। मोदी सरकार की कार्यकाल के 8 वर्ष पूरे होने पर राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को पीएम मोदी पर तंज कसते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया है।

राजद नेता शिवानंद तिवारी ने पोस्ट में लिखा, “2014 के अपने चुनावी अभियान में मोदी जी ने बेरोजगार युवकों और कृषकों से जो वादा किया था उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है। उल्टे आज देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है।

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मोदी सरकार के सामने नहीं कोई चुनौती: Shivanand Tiwari

उन्होंने पीएम के 8 साल के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र भाई मोदी ने आज आठ बरस पूरा कर लिए, लेकिन आठ वर्षों के शासन के बाद भी आज उनकी सरकार के सामने कोई चुनौती नहीं दिखाई दे रही है। 2014 के अपने चुनाव अभियान में मोदी जी ने बेरोजगार युवकों और कृषकों से जो वादा किया था उनमें से कोई वादा पूरा नहीं हुआ। उल्टे आज देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है।”

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Shivanand Tiwari-PM Modi के शासन में अमीरों की अमीरी में वृद्धी

राजद नेता शिवानंद तिवारी ने पीएम पर आरोप लगाते हुए लिखा, ” मोदी जी के शासनकाल में अमीरों की अमीरी में वृद्धि हुई है। गरीबों और अमीरों के बीच का फासला अभूतपूर्व रूप से चौड़ी हुई है। इतनी बड़ी गैर बराबरी देश में कभी नहीं थी। उन्होंने कोरोना महामारी की बात करते हुए पोस्ट में लिखा, “कोरोना जैसे महा संकट काल में गरीबों पर विपत्ति का पहाड़ टूटा। लाखों गरीब श्रमिकों का महानगरों से पलायन और उनकी दुरुह यात्रा का दृश्य भूले नहीं भुलाया जाता है।”

नदियों में तैरती लाशें, अभी भी याद आती हैं: Shivanand Tiwari

उन्होंने लिखा, “कोरोना काल में देश के स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई उतर गई। ऑक्सीजन के अभाव में छटपटाते हुए लोगों को देखना डरावना था। नदियों में तैरती लाशें, अभी भी याद आती हैं। कितने लोग काल के गाल में समा गए इसकी संख्या को लेकर आज भी विवाद बना हुआ है। अचानक लिया गया नोटबंदी का निर्णय और उसके बाद कोरोना की मार ने देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर दिया है।”

अर्थव्यवस्था का आधार बड़े-बड़े कल कारखाने नहीं-तिवारी

अर्थव्यवस्था की बात करते हुए राजद नेता ने लिखा, “हमारे देश की अर्थव्यवस्था का आधार बड़े-बड़े कल कारखाने नहीं हैं। बड़े कल कारखानों में जिन्हें संगठित क्षेत्र कहा जाता है, उनमें तो देश के श्रम बल का मात्र 4-5 फीसदी ही लगा हुआ है। बाकी श्रम बल तो कृषि और असंगठित क्षेत्र में लगा हुआ है। कोरोना काल में छोटे-मोटे कल कारखाने बड़े पैमाने पर बंद हुए। अभी भी गाड़ी बेपटरी है।”

उन्होंने लिखा, “विशेषज्ञ बता रहे हैं कि बेरोजगारी चरम पर है। मंगाई का वही हाल है. लेकिन आश्चर्य है कि इसी दरमियान अरबपतियों की संख्या में भी वृद्धि हुई। उनकी आमदनी में भारी इजाफा हुआ है। इन सबके बावजूद भी प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है।”

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नीतीश ने पार्टी से मुझे निष्कासित कर दिया- शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी ने आगे लिखा, ” शिविर के मेरे उस भाषण को नीतीश जी ने बुरा माना था। पार्टी उनकी थी। 2014 में जब राज्यसभा में मेरा पहला कार्यकाल समाप्त हुआ तो उन्होंने उसको बढ़ाया नहीं बल्कि अपनी पार्टी से ही मुझे निष्कासित कर दिया। याद होगा नरेंद्र मोदी जब 2014 के अपने चुनाव अभियान में निकले थे तो उन्होंने देश की जनता को क्या क्या सपने दिखाए थे।उस समय किया गया उनका कोई भी वादा जमीन पर नहीं उतरा. उल्टे देश का ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रहा है। तरह- तरह के तनाव से देश गुजर रहा है। संवैधानिक मूल्यों की धज्जी उड़ाई जा रही है। लोकतंत्र सिकुड़ता जा रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद मोदी जी के सामने कोई चुनौती नहीं है।”

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राजद नेता शिवानंद तिवारी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए लिखा, “इसका सेहरा पीएम मोदी जी को दिया जाए या प्रतिपक्ष के नालायकियत को? मुझे तो लगता है इसका सेहरा हम लोग जो, प्रतिपक्ष में हैं, उनको ही दिया जाना चाहिए। हम अपनी राजनीति जिस ढंग से चला रहे हैं उससे नरेंद्र मोदी के सामने हम चुनौती क्या खड़ा करेंगे बल्कि हमारी राजनीति उनकी मददगार ही साबित हो रही है। सबके बावजूद मैं निराशावादी नहीं हूं। शून्य प्रकृति के नियम के प्रतिकूल है। देश के युवा, किसान और मेहनतकस जनता निश्चित रूप से एक मजबूत विकल्प पेश करेगी।

282 सीटों पर जीत हासिल की थी भाजपा

बता दें कि सितंबर 2013 में नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद, ‘बहुत हो गई महंगाई की मार, अब की बार मोदी सरकार’ और ‘हम मोदी जी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं’ जैसे नारे गूंजने लगे थे। लोग पहले से ही कांग्रेस सरकार से नाराज थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। यह पहली बार था जब किसी गैर-कांग्रेसी दल ने बहुमत हासिल किया था।

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